Chandrayaan-3 mission

ISRO Chandrayaan-3 mission: देश के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की कक्षा में स्थापित कर पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर दिया है। चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैडिंग में ISRO के वैज्ञानिकों की पूरी टीम का महत्वपूर्ण योगदान है। इनमें से कोई ऑपरेशन टीम तो कोई लैंडिंग होने के बाद रोवर की गतिविधियों पर नजर रखने वाली टीम में शामिल है।

इसरो के इन्हीं वैज्ञानिकों की टीम में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के वैज्ञानिक डॉक्टर कुलदीप नेगी भी शामिल है। मूलरूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के ग्राम बुरगांव, देवराज खाल निवासी डॉक्टर कुलदीप नेगी का परिवार वर्तमान में मेरठ के शास्त्री नगर में रहता है। कुलदीप के पिता शिशुपाल सिंह नेगी मेरठ यूनिवर्सिटी से सेवा निवृत्त हैं। डॉ कुलदीप सिंह नेगी ने रुड़की IIT से इंजीनियरिंग और PhD की डिग्री हासिल की। उनका चयन ISRO में project officer के रूप में हुआ था और आज वे ISRO का अहम हिस्सा हैं।

डाक्टर कुलदीप सिंह नेगी चंद्रयान मिशन के project officer के रूप में अहम भूमिका में थे, और इस पूरे प्रोजेक्ट में महत्वपूर्ण भूमिका में थे। शनिवार को बेंगलुरु में प्रधानमंत्री नरेंद्र से मिलने वाले मोदी द्वारा इसरो वैज्ञानिकों के दल में डॉक्टर नेगी भी शामिल थे। उनकी इस उपलब्धि पर पूरा उत्तराखंड अपने को गौरवान्वित  महसूस कर रहा है, साथ ही उनके पिता और परिवार को बधाइयां दे रहे है।