Avalanche in Uttarkashi: उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी का डांडा 2 पर्वत चोटी के पास मंगलवार को आये एवलांच के कारण हुए हिमस्खलन की चपेट में आए 44 पर्वतारोहियों में से 14 को बचा लिया गया है। जबकि 10 पर्वतारोहियों के शव बरामद किए जा चुके हैं। 20 अन्य पर्वतारोहियों को बचाने के लिए एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीम रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई है। इसबीच सूचना मिली है पर्वतारोहण में नेशनल रिकॉर्ड बनाने वाली उत्तरकाशी की बेटी सविता कंसवाल की भी इस हादसे में मृत्यु हो गई है। 26 वर्षीय कंसवाल केवल 16 दिनों में माउंट एवरेस्ट और माउंट मकालू पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करने वाली भारत की पहली महिला बनीं थीं।
सविता कंसवाल नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM), उत्तरकाशी में ट्रेनर थीं। कंसवाल ने 12 मई को माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर चढ़ाई की और 16वें दिन 28 मई को माउंट मकालू (8485) पर चढ़ाई की थी, जो दुनिया की 5वीं सबसे ऊंची चोटी है। उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने कहा कि उत्तरकाशी के लोंथरू गांव की 26 वर्षीय पर्वतारोही सविता की मंगलवार सुबह हिमस्खलन त्रासदी में मौत हो गई।
सविता का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा। चार बहनों में सबसे छोटी सविता वृद्ध पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी की रेखदेख करने के साथ घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही थी। माता-पिता अपनी इस बेटी कोहिनूर की तरह मानते थे।
सरकारी स्कूल से पढ़ी सविता ने वर्ष 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स और फिर एडवांस व सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी किया। कोर्स की फीस जुटाने के लिए सविता ने देहरादून की एक कंपनी में भी नौकरी की। वर्ष 2018 से सविता निम में बतौर प्रशिक्षक तैनात थीं।
सरकार ने की मुआवजे की घोषणा
उत्तराखंड सरकार ने उत्तरकाशी हिमस्खलन आपदा में मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायलों के लिए एक-एक लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है।