अल्मोड़ा: उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जनपद के अंतर्गत पिछले 10 वर्षों से स्वीकृत चलमोड़ीगाड़ा-कलौटा मोटर मार्ग का अब तक निर्माण न होने से परेशान क्षेत्रीय ग्रामीणों ने आख़िरकार क़ानूनी लड़ाई लड़ना ही मुनासिब समझा। गुरुवार को 5 ग्रामसभाओं के 12 राजस्व गाँवों द्वारा नवगठित समिति “ग्रामीण विकास जन सँघर्ष कमेटी” के वकील मदन मोहन पाण्डेय के माध्यम से नैनीताल हाईकोर्ट में अपनी इम्प्लीडमेंट एप्लीकेशन दायर कर दी। माननीय न्यायाधीश सुधांशू धूलिया की अदालत में ग्रामीण विकास सँघर्ष कमेटी के वरिष्ठ वकील मदन मोहन पाण्डेय ने ग्रामीणों का पक्ष रखते हुए कोर्ट में बहस की शुरुआत की। कमेटी के अधिवक्ता ने ग्रामीणों की जीवन रेखा से जुड़ी सड़क के निर्माण न होने के कारण किसी भी आपातकालीन परिस्थिति से निपटने में पूर्ण अक्षम क्षेत्र के सभी गाँवो में लगातार हो रही ग्रामीणों की दर्दनाक मौतों तथा क्षेत्र के बिमार, बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं की महादुर्गति से कोर्ट को अवगत कराया। तथा कोर्ट से जनहित के इस केस को तत्काल निपटारे की माँग की।
अधिवक्ता मदन मोहन पाण्डेय ने बताया कि इस केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस सुधांशू धूलिया ने ग्रामीणों की दलीलों को ठोस और तर्कसंगत करार देते हुए उनकी इम्प्लीडमेंट एप्लीकेशन को स्वीकार कर जनहित में इस केस का जल्द निपटारा करने का आश्वाशन देकर अगली सुनवाई 25 जुलाई को तय कर दी। केस की सुनवाई के दौरान ग्रामीण विकास सँघर्ष कमेटी के अध्यक्ष केशवदत्त जोशी और कमेटी कोषाध्यक्ष लाल सिंह बिष्ट आदि न्यायालय में मौजूद रहे। कानून के जानकारों के अनुसार ग्रामीणों की तरफ से उनके कमेटी के अध्यक्ष के द्वारा इम्प्लीडमेंट एप्लिकेशन दायर करने तथा न्ययालय द्वारा उसे स्वीकार करने के बाद इस केस के जल्द निपटारे की संभावना अब प्रबल हो गयी है।
उल्लेखनीय है कि अभी कुछ दिन पहले मोटर मार्ग के अभाव में अल्मोड़ा के धौलादेवी ब्लॉक के ग्राम सभा ननौली की महिलाएं एक बुजुर्ग बीमार महिला को इलाज के लिए अस्पताल तक पहुँचाने के लिए किस कदर डोली के सहारे मुख्य सड़क मार्ग तक ले गई थी। इस खबर को देवभूमि संवाद में अपने न्यूज पोर्टल पर प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
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