हमारे पूर्वजों के जीवन की हिस्सा रही ढाकर यात्रा के इतिहास को नई पीढ़ी से रूबरू कराने की “पलायन एक चिंतन टीम” की पहल की समाजसेवी व DPMI के चेयरमैन डॉ. विनोद बछेती ने सराहना की है। डॉ. बछेती का कहना है कि ढाकर शब्द ही अब विलुप्त होने जा रहा था, शायद आने वाली पीढ़ियों के शब्दकोश में तो यह शब्द होता ही नहीं, लेकिन पलायन एक चिंतन समूह ने ढाकर शब्द को पुनर्जीवित ही नहीं किया बल्कि अपने पूर्वजों के संघर्षपूर्ण जीवन से भी नई पीढ़ी को अवगत कराने की कोशिश की है। साथ ही ढाकर यात्रा व ढाकर रसोई जैसी पहल कर पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया है।
अपने गांव से दिल्ली लौटते हुए मयूर विहार दिल्ली के भाजपा जिला अध्यक्ष व दिल्ली पैरा मेडिकल इंस्टीट्यूट के चेयरमैंन डॉ. विनोद बछेती ने अदवाणी स्थित “ढाकर” पड़ाव में अल्प विश्राम किया। इस मौके पर उन्होंने ढाकर समूह के सचिव व वरिष्ठ पत्रकार अजय रावत अजेय से प्रदेश की वर्तमान दिशा व दशा पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने “पलायन एक चिंतन टीम” के प्रयासों की सराहना की। इस मौके पर उनके साथ ग्रामीण पत्रकार व समाजसेवी जगमोहन डांगी, जगमोहन बिष्ट, कमालपुर बुराड़ी के भाजपा मण्डल उपाध्यक्ष भी मौजूद थे।
जगमोहन डांगी