Wild boar destroyed potato cultivation in Pauri Garhwal

पौड़ी : उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में रहने वाले ग्रामीण एक तरफ जहाँ गुलदार तथा भालुओं के हमलों से खौफ के साये में जी रहे हैं। वहीँ बंदरों और जंगली सुअरों ने रही सही खेती बड़ी बर्बाद कर लोगों को पलायन के लिए मजबूर कर दिया है। ताजा मामला पौड़ी जिले का है।

पौड़ी जनपद के विकासखंड कल्जीखाल के अंतर्गत मनियारस्यूं पट्टी के ग्राम थनुल गाँव में जहां सिंचित खेती के साथ-साथ नगदी फसलें आलू प्याज भी भारी मात्रा में होती है, वहां के कास्तकारों पर रोजी रोटी का संकट आ गया। गौरतलब है कि गत वर्षो से आलू और प्याज की खेती को कोई झुलसा नामक रोग लग रहा था। और इस वर्ष समय रहते ग्राम प्रधान एवं कृषकों ने झुलसा रोग नियंत्रण के लिए उद्यान विभाग से निरंतर संपर्क किया और विभाग ने संज्ञान भी लिया और कृषकों को दवाई  खाद आदि उपलब्ध करवाई।

इस बार कृषकों को आलू की अच्छी पैदावार की उम्मीद थी लेकिन उनकी उम्मीद पर एक रात में ही जंगली सुअरों ने पानी फेर दिया। एक सप्ताह में कास्तकार आलू की तैयार फसल को निकालने वाले थे। लेकिन दो रोज पहले ही एक रात में जंगली सुंवरो ने गांव के खेतों में धावा बोलकर पूरी फसल को तहस नहस कर दिया। गांव के कास्तकारो का गांव ने नजदीक एक बहुत बड़ा चेक है। जहां कृषि विभाग द्वारा चारो तरफ फेंसिंग (घेर बाड़) भी कर रखी है। लेकिन जंगली सुंवर उसको भी तोड़ कर चेक के अंदर घुसकर आलू की तैयार फसल को तहस नहस कर गए

महिला मंगल दल अध्यक्ष बसंती देवी, पूर्व प्रधान उमा देवी, उप प्रधान लक्ष्मी देवी आदि का कहना की आलू बीच की भरपाई भी नही हुई और अब हमने आलू की स्थान पर प्याज की रोपण किया है। उन्हें अब चिंता सता रही कि कहीं जंगली सूअर आलू की तरह प्याज की खेती को भी ना रौंद दें। ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग भविष्य खेती एवं उधानी नही करेंगे।

जगमोहन डांगी की जीरो ग्राउंड की रिपोर्ट