World Sickle Cell Day 2024

World Sickle Cell Day 2024: विश्व सिकल सेल दिवस पर प्रदेश भर में चलाये जाने वाले जनजागरूकता पखवाड़े का प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से किया। जिसके तहत प्रदेशभर के समस्त राजकीय चिकित्सा ईकाईयों एवं जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाये गये, जिनमें 0-40 आयु वर्ग के लगभग दो हजार लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें सिकल सेल एनिमिया रोग का उपचार व बचाव संबंधी जानकारी दी। इसके अलावा प्रदेशभर में सिकल सेल एनिमिया के प्रति जनजागरूकता अभियान चलाये गये।

राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में विश्व सिकल सेल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित जनजागरूकता कार्यक्रम में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में सिकल सेल रोग के उन्मूलन के प्रति राज्य सरकार गंभीर है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल की रोकथाम हेतु माइक्रो प्लान तैयार कर प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। विभागीय मंत्री ने कहा कि प्रदेशभर में आगामी 3 जुलाई 2024 तक विश्व सिकल सेल जागरूकता पखवाड़ा मनाया जायेगा, जिसके सफल आयोजन के लिये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि विश्व सिकल सेल जागरूकता पखवाड़ा के माध्यम से प्रदेशवासियों को सिकल सेल एनिमिया रोग के प्रति जागरूक किया जायेगा।  डा. रावत ने बताया कि आगामी 3 जुलाई तक आयोजित सिकल सेल जागरूकता पखवाड़ा के तहत आशा कार्यकत्रियों, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों एवं आरकेएसके काउंसलर के माध्यम से जनजातीय समुदाय के 15 हजार लाभार्थियों की स्क्रीनिंग, 17 हजार काउंसिलिंग कार्ड का वितरण तथा 13 लाख से अधिक लोगों को सिकल सेल एनिमिया के प्रति जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है। कहा कि राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन अभियान के तहत प्रदेश में जन-जातीय समुदाय के 2,59,269 लोगों की सिकल सेल एनीमिया जांच का लक्ष्य रखा गया है।

सिकल सेल रोग की तोड़ेंगे चेन

स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने बताया कि राज्य में सिकल सेल एनिमिया रोकथाम के लिये प्रभावी कदम उठाये गये हैं। खास कर जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल रोगों की रोकथाम के लिये वृहद स्तर पर जनजागरूकता एवं निःशुल्क जांच अभियान चलाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में इस रोग से अधिकांश लोग पीड़ित हैं और इस वंशानुगत बीमारी से ज्यादातर लोग अंजान हैं। जिसकी वहज से इस रोग के साथ नवजात शिशु जन्म ले लेते हैं। उन्होंने बताया कि सिकल सेल रोग की इस चेन को तोड़ने के लिये जनजातीय क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर निःशुल्क जांच करेंगी। इसके अलावा जनजाति क्षेत्र के बच्चों को सिकल सेल के प्रति जागरूक करने के साथ ही स्कूल एवं महाविद्यालय स्तर पर मेडिकल कैम्प लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जायेंगे।