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वर्तमान में पूरे विश्व को महामारी से आतंकित करने वाले कोरोना वायरस का फैलाव चीन से अपने आप नहीं हुआ बल्कि इसको विश्व पर आर्थिक रूप से राज करने की महत्वाकांक्षा के तहत तैयार करके फैलाया गया। वर्तमान परिस्थिति में सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंस बनाए रखना ही बचने का एकमात्र उपाय है।

उपरोक्त रहस्योद्घाटन उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने किया है। उन्होंने बताया कि 17 नवंबर 2019 को जब चीन के वुहान शहर में कोरोनावायरस का पहला केस मिला उस कालचक्र की कुंडली का ज्योतिषीय वैज्ञानिक विश्लेषण करने पर पता चल रहा है कि वृषभ लग्न की कुंडली में अष्टम भाव जिसे नवीन खोजो एवं मृत्यु का घर भी कहा जाता है उसमें बृहस्पति एवं केतु तथा शनि ग्रह विराजमान थे। राहु किसी वायरस का भविष्य एवं फैलाव तथा बृहस्पति और केतु की युति उसकी उत्पत्ति को दर्शाता है। तात्पर्य साफ है की कोरोनावायरस पहली बार नहीं अपितु दो बार पहले भी इसे बनाने की कोशिश की गई। परंतु इस बार ग्रह स्थिति बृहस्पति जो जीवन का कारण है केतु के साथ उपस्थित होने से प्रयोगशाला में सिद्ध हो गए उस समय की ग्रह स्थिति में द्वितीय घर मिथुन राशि में जो कुटुंब का घर भी है राहु विराजमान थे और उनके साथ मन का स्वामी चंद्रमा भी था अर्थात बनाने वाले के मन में विश्व की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर राज करने की महत्वाकांक्षा का भूत सवार था।

विज्ञान एवं संस्कृत विषयों में निष्णात डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि आजकल वह प्रधानमंत्री द्वारा आवाहन किए गए एकांतवास में राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने आवास पर ही देवी का अनुष्ठान कर रहे हैं। समय मिलने पर उन्होंने इस महामारी पर ज्योतिषीय विचार किया तो पता चलता है कि केतु की पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र एवं जीवन के कारक बृहस्पति के साथ उपस्थिति ने इस वायरस को जन्म तो दे दिया। परंतु वहां पर ग्रहों में न्यायाधीश शनि महाराज की उपस्थिति होने से साजिश के तहत पैक करने से पहले ही यह वायरस लीकेज हो गया और दंडाधिकारी शनि ने गलत मंशा से इसको बनाने वालों को उनकी गलत मानसिकता का दंड वुहान शहर में लाशें बिछा कर दे दिया।

  वायरस की संरचना एवं लॉक डाउन की वैज्ञानिकता

ज्योतिष वैज्ञानिक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि किसी भी वायरस का जन्म सजीव बृहस्पति एवं निर्जीव केतु की युति होने का वैज्ञानिक प्रमाण यह है कि वायरस सजीव एवं निर्जीव दोनों लक्षण लिए हुए एक कोशिकीय पदार्थ होता है। सजीव इसलिए कि जब यह सजीव कोशिकाओं में पहुंचता है तो सक्रिय होकर जीवित कोशिकाओं की तरह कार्य करने लगता है और निर्जीव इसलिए कि जब यह जीवित कोशिकाओं से बाहर होता है तो निष्क्रिय हो जाता है क्योंकि जैविक कार्यों हेतु एक न्यूनतम स्थान 5,000 एक्स्ट्रा ग्राम डाया मीटर होता है जबकि वायरस की डाया मीटर रेंज 100 से 2000 एस्टा ग्राम होती है अतएव  इसे जीवित रहने के लिए जीवित कोशिकाएं चाहिए इसलिए सैनिटाइजेशन एवं सोशल डिस्टेंस के नियमों का विधिवत पालन करने पर ही इससे बचा जा सकता है

  कैसे हो सकती है रोकथाम

नक्षत्र विज्ञान के विशेषज्ञ चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत वास्तव में आध्यात्मिक विभूति हैं इसलिए उन्होंने सही समय पर जो लॉक डाउन का निर्णय लिया वह मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि ज्योतिषीय दृष्टि से इस वायरस की उत्पत्ति के समय द्वितीय जो कुटुंब स्थान होता है कुंडली का उसमें बुध ग्रह स्वामी होकर रोग भाव में अकेले बैठा था तात्पर्य साफ है की इकट्ठे रहने पर इस रोग को विस्तार मिलेगा परंतु एकांत रहने पर रोड पर लगाम लग जाएगी और 29 मार्च से सौरमंडल के जिस केतु को जीवन के कारक बृहस्पति का साथ मिलने से वायरस को जीवन मिल रहा था वह भी अपनी अगली राशि मकर में चला जाएगा और 28 मार्च से मकर लग्न की कुंडली से पता चलता है कि मरे हुए राक्षसों को भी जीवन देने वाले शुक्राचार्य शुक्र ग्रह कारक बनने की सामर्थ्य स्वराशि में आकर प्राप्त कर लेंगे जिससे पूरी संभावना दिख रही है कि वैज्ञानिकों एवं चिकित्सकों को इस वायरस की रोकथाम के लिए दीर्घकालिक टीका बनाने हेतु एक दिशा मिल जाएगी।

  पूरे विश्व को कब मिलेगी इस वायरस से मुक्ति

शिक्षा एवं ज्योतिष में अंतरराष्ट्रीय हस्ताक्षर डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल का कहना है कि जनता ने संयम रखा और 22 अप्रैल तक एकांतवास का पूर्ण रुप से पालन किया सोशल डिस्टेंस बनाकर रखी तो सौरमंडल की ग्रह स्थिति के अनुसार शनि मंगल एवं बृहस्पति की मकर राशि में युति होने से मई माह में पूरे विश्व को इस महामारी से छुटकारा मिलने की संभावनाएं नजर आ रही है साथ ही इस ग्रह स्थिति से यह भी स्पष्ट होता नजर आ रहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने इस अघोषित जैविक वैश्विक आक्रमण के कुख्यात कर्म से चीन को बेनकाब होना होगा।