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श्रीनगर गढ़वाल: कारगिल शहीद कुलदीप सिंह  राजकीय इंटर कॉलेज  खंडाह के वाणिज्य शिक्षक यशपाल रावत को विद्यालय परिवार एवं अभिभावकों द्वारा सेवानिवृत्ति पर भावभीनी विदाई दी गई। इस मौके पर विद्यालय परिसर में विदाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रधानाचार्य भूपेंद्र रावत, डीसी बंगवाल एवं यशपाल रावत ने सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्वलित कर किया। विद्यालय परिवार एवं पूर्व छात्रों द्वारा माल्यार्पण एवं शॉल ओढ़ाकर उनका अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर शिक्षक राजवीर बिष्ट ने अभिनंदन पत्र पढ़कर बताया कि यशपाल रावत शिक्षक के पद को इतना महत्व देते हैं कि उन्होंने शिक्षक बनने के लिए जल संस्थान में 13 वर्ष की लेखा सहायक की नौकरी त्याग दी। और वह भी उस समय जब शिक्षकों का वेतन बहुत अधिक नहीं होता था।

वर्ष 1996 से 2006 तक राजकीय शिक्षक संघ जनपद पौडी एवं मंडलीय प्रवक्ता व संपादक के रूप में संगठन पदाधिकारी रहते हुए शिक्षकों के हितों के लिए संघर्ष करते रहे। इसीक्रम में उन्होंने अपने कानूनी ज्ञान के सदुपयोग से शासन व विभाग से शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण आदेश व शासनादेश निर्गत करवाने में अभीष्ट योगदान दिया। साथ ही संगठन के एकीकरण हेतु सफल प्रयास किऐ गऐ।

यशपाल रावत सन 1991 में शिक्षा विभाग में नियुक्त हुए थे और गत 25 वर्ष से वह राजकीय इंटर कॉलेज खंडाह में कार्यरत थे। शिक्षक एसएस ममगाईं ने कहा कि यशपाल रावत अनुशासन को सर्वोपरि रखते हैं। राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व मण्डलीय प्रवक्ता महेंद्र नेगी ने कहा कि यशपाल रावत छात्रो ही नहीं अपितु शिक्षकों के लिए भी रोल मॉडल हैं। उनके मार्गदर्शन के ही कारण छात्र अमन राष्ट्रीय स्तर की गित्येर प्रतियोगिता का प्रथम विजेता बना। भूगोल प्रवक्ता डॉ. शिवराज रावत ने कहा कि वह आज जो भी हैं, यशपाल रावत की ही मार्गदर्शन के कारण हैं। शिक्षक संतोष पोखरियाल ने कहा कि यशपाल रावत पर्यावरण प्रेमी हैं। विद्यालय में जो भी हरियाली  है वह उनके 25 वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम है।

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शिक्षक भारत नैथानी ने कहा कि उनके अंदर देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी है। उनके पिता स्वर्गीय थान सिंह रावत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। तथा बेटियां मेजर श्रेया एवं फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रुति दोनों सेना में अधिकारी हैं। श्रुति ने छात्र-छात्राओं को प्रेरणादायक बातें बताई। प्रधानाचार्य भूपेंद्र रावत ने कहा कि यशपाल रावत ने कभी भी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनके जैसे लोगों के कारण ही समाज में गलत प्रवृत्तियों पर लगाम लग सकती है। अपनी विदाई पर सभी का आभार व्यक्त करते हुए शिक्षक यशपाल रावत ने छात्र-छात्राओं से कहा कि केवल कठिन परिश्रम और अनुशासन से ही मनवांछित सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बच्चों से वादा किया कि वह हर वर्ष शिक्षक दिवस एवं बाल दिवस पर उनके बीच उपस्थित होने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर शिक्षक भगवती गौड़, जीएल नथवाल, डीसी गौड़, जेएस विष्ट, विजय चौहान, ठाकुर राणा, श्रीमती अनिता मेवाड़, शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं छात्र-छात्रायें, अभिभावक एवं कई पूर्व छात्र, शिक्षक महेंद्र नेगी के पुत्र डॉ. अनिरुद्ध नेगी उपस्थित रहे। विदाई समारोह कार्यक्रम के बाद शिक्षक यशपाल रावत को ढोल दमाऊ वादन के साथ विदाई दी गई। कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी शिक्षक राजवीर बिष्ट ने किया। देवभूमिसंवाद.कॉम की ओर से शिक्षक यशपाल रावत एवं उनके परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

इस अवसर पर पिछले वर्ष नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की गित्येर प्रतियोगिता के विजेता छात्र अमन ने एक खुबसूरत गढ़वाली लोकगीत गाकर अपने शिक्षक को विदाई दी। इस गीत को आप नीचे दिए गए विडियो लिंक पर सुन सकते हैं।

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