देहरादून: इस वर्ष होने वाली 7वीं आर्थिक गणना में अत्याधुनिक सूचना व संचार तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसमें प्रबंधन सूचना सेवा (एमआईएस) डैशबोर्ड का उपयोग कर रियल टाइम डाटा प्रमाणीकरण व पर्यवेक्षण किया जाएगा। मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में 7वीं आर्थिक गणना के लिए गठित राज्य स्तरीय कॉ-ऑर्डिनेशन समिति की बैठक में विस्तार से विचार विमर्श किया गया।
मुख्य सचिव ने कहा कि सातवीं आर्थिक गणना में आंकड़ों का संग्रहण, प्रमाणीकरण व पर्यवेक्षण के लिए नवीनतम सूचना तकनीक आधारित मोबाईल एप्लीकेशन का प्रयोग किया जाए। उपलब्ध डाटा बेस के आधार पर सम्पूर्ण कवरेज क्षेत्र को सुनिश्चित किया जाए। स्टेट बिजनेस रजिस्टर की तैयारी सुनिश्चित की जाए। सभी संबंधित विभाग गम्भीरता से इसमें सहयोग करें। आम जनता व विभिन्न संगठनों को भी सहभागिता के लिए जागरूक किया जाए।
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष 2019 में 7वीं आर्थिक गणना की जानी है। इससे पूर्व छठी आर्थिक गणना वर्ष 2013 में की गई थी। इस बार की आर्थिक गणना में पहली बार नवीनतम सूचना तकनीक आधारित मोबाईल एप्लीकेशन का प्रयोग किया जाएगा। इलेक्ट्रोनिक्स व इनफोरमेशन टेक्नोलोजी मंत्रालय के अंतर्गत गठित स्पेशल परपज व्हीकल कॉमन सर्विस सेंटर ई-गर्वनेंस सर्विसेज लि. इसकी कार्यदायी संस्था होगी जो कि आवश्यक आईसीटी प्लेटफार्म को विकसित करने के साथ ही फील्डवर्क भी करेगी। इसमें जीओ-टैगिंग व टाइमस्टाम्पिंग की जाएगी। मोबाईल उपकरणों पर जीओ कोड युक्त डाटा संग्रहण किया जाएगा। रियल टाइम डाटा प्रमाणीकरण व संवीक्षा के साथ एमआईएस डेशबोर्ड का उपयोग करते हुए अनुश्रवण व पर्यवेक्षण किया जाएगा।
सीएससी के सुपरवाईजर द्वारा प्रगणनकों के काम का शतप्रतिशत पर्यवेक्षण करते हुए डाटा क्वालिटी को प्रमाणित किया जाएगा। इसके बाद ही मॉनिटरिंग व सुपरविजन रिपोर्ट व डेशबोर्ड बनाई जाएंगे जो कि एनएसएसओ व राज्य सरकार के अधिकारियों को सेम्पल भौतिक निरीक्षण के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा। इनके निरीक्षण के परिणाम को सीएससी द्वारा विकसित वेब इंटरफेस के माध्यम से आईटी प्लेटफार्म में लिया जाएगा।
बैठक में प्रभारी सचिव नियोजन बीएस मनराल, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, निदेशक अर्थ संख्या सुशील कुमार, उपमहानिदेशक एनएसएसओ राजेश कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।