ग्रेटर नोएडा: सामाजिक संगठन महिला उन्नति संस्था (भारत) ने आजाद भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उपस्थित स्कूली बच्चों को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन के बारे में जानकारी देते हुए संस्था के संस्थापक डॉ. राहुल वर्मा ने कहा कि आदरणीय राधाकृष्णन जी ने अपनी जीवन के लगभग 40 साल एक आदर्श शिक्षक के रुप में देश को दिये. जिससे प्रभावित होकर तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उन्हे “सर” की उपाधि से नवाजा। वे अपने समकालीन शिक्षकों से हमेशा कहते थे कि एक अच्छा शिक्षक वही है जो उम्र भर सीखता रहे साथ ही अपना सारा ज्ञान अपने छात्रों को उपलब्ध कराता रहे।
उन्होने बताया कि आजाद भारत में वे दो बार उपराष्ट्रपति बने तथा 1962 में उन्होने देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के पद को सुशोभित किया। तत्कालीन भारत सरकार ने उनके असाधारण व्यक्तित्व और शिक्षा के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान को लेकर उनके जन्मदिवस 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की. तथा उन्हे देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। 1975 में लम्बी बीमारी के कारण उनका देहावसान हो गया। इस अवसर पर महासचिव अनिल भाटी, इंदु गोयल, गीता चौधरी, सरिता वर्मा, देवेंद्र चन्दीला, नंदकिशोर ठाकुर और स्कूली बच्चों ने डॉ. राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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