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देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश और बादल फटने से मची तबाही से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उत्तरकाशी जनपद के आराकोट और आस-पास के क्षेत्रों मूसलाधार बारिश से नदी नाले उफान पर हैं. पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई जगह बादल फटने तथा भूस्खलन होने से कई लोगों के मारे जाने की आशंका है। उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक में कल देर रात बादल फटने से कई गांवों में तबाही मची जिसमें आराकोट, माकुडी और टिकोची में कई मकान ढह गये।

उत्तरकाशी जनपद के आराकोट में बादल फटने, मूसलाधार बारिश के चलते बरसाती नालों के उफान में आने से अभी तक दो लोगों के मलबे में दफन होने की सूचना है। वहीं एक ही घर के 5 लोग लापता बताये जा रहे हैं। बादल फटने से बरसती नालों के उफान में आने के चलते पैदल रास्‍ते, पुलिया बह गए। साथ ही भूस्खलन के कारण दो दर्जन से ज्‍यादा मकानों में मलबा घुस गया। कई गांवों के लोग जंगल की ओर सुरक्षित स्थानों की तरफ रुख कर गए। गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटने के कारण दोपहर तक इन गावों में राहत दल नहीं पहुंच पाया। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश और बादल फटने से मची तबाही से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उत्तरकाशी जनपद के आराकोट और आस-पास के क्षेत्रों मूसलाधार बारिश से नदी नाले उफान पर हैं. आराकोट, मकोड़ी, डगोली गांव और त्यूणी बाजार सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. कई गांव में मलबा घुस गया है.

लगातार बारिश के चलते चारधाम यात्रा मार्ग के बंद होने और खोलने का सिलसिला भी जारी है। ऐहिताहत के तौर पर केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है। भूस्खलन के कारण कई गाड़ियां मलबे में दब गई हैं। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों के दौरान प्रदेश के नौ जिलों देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, चंपावत, पिथौरागढ, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी और ऊधमसिंहनगर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

कुमाऊं में भारी बारिश से उफान पर आये गधेरे की चपेट में आई बस

कुमाऊं में मूसलधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। रामनगर-भिकियासैंण मोटर मार्ग पर सूअरखाल गधेरे के उफान पर आने के कारण गढवाल मंडल विकास निगम की एक बस गधेरे के उफान की चपेट में आ गई है। जानकारी के मुताबिक बस में सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित रेस्‍क्‍यू कर लिया गया है। हालांकि बस चालक का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है।  रामनगर से पर्वतीय क्षेत्रों को जाने वाले मार्ग पर अनेक जगहों पर नदी नाले उफान पर होने के कारण वाहन आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।