corona genome sequence

नई दिल्ली : चीन के वुहान शहर से शुरू होकर पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाले कोरोना वायरस का तोड़ निकालने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक अपने अपने स्तर पर लगातार प्रयासरत हैं। परन्तु किसी भी देश के वैज्ञानिक को इस वायरस का खात्मा करने वाली वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल नहीं हो पाई है। जिसके चलते पूरी दुनिया में अभी भी कोरोना की दहशत फैली हुई है।

इस बीच हमारे देश के वैज्ञानिकों को इस वायरस के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। गुजरात के वैज्ञानिकों ने कोरोना का जीनोम सिक्वेंस (genome sequence) निकालने का दावा किया है। जिसके बाद इसकी मदद से कोरोना वैक्सीन बनाई जा सकेगी। गुजरात बायोटेक्नॉलजी रिसर्च सेंटर के निदेशक चैतन्य जोशी ने जानकारी दी है कि गुजरात बायोटेक्नॉलजी रिसर्च सेंटर (GBRC) के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस का पूरा जीनोम सिक्वेंस खोज निकाला है। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों ने गुजरात में कई कोरोना वायरस पीड़ित मरीजों के शरीर से वायरस का जींस लिया। करीब 100 सैंपल का डीएनए टेस्ट किया गया, तब जाकर यह सफलता मिली।

गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी इसके बारे में ट्वीट किया है। उसमें लिखा है कि जीबीआरसी के वैज्ञानिकों पर हमें गर्व है। देश के किसी भी राज्य की प्रयोगशाला में पहली बार कोरोना वायरस का पूरा जीनोम सिक्वेंस खोजा गया है। जीनोम सिक्वेंस से कोरोना वायरस की उत्पत्ति, दवा बनाने, वैक्सीन विकसित करने, वायरस के टारगेट और वायरस को खत्म करने को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें पता चलेंगी।

जीनोम सीक्वेंस क्या है

जीनोम अनुक्रमण (जीनोम सिक्वेंसिंग) उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसकी मदद से किसी विशेष जीव की पूरी डीएनए श्रृंखला का पता लगाया जाता है।