नोएडा : कोरोना संकट काल में नोएडा के अस्पतालों की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहाँ इलाज के लिए 13 घंटे तक अस्पतालों के चक्कर काट रही 8 महीने की गर्भवती महिला की इलाज न मिलने से ऐंबुलेंस में ही मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक खोड़ा कॉलोनी में रहने वाली 8 महीने की गर्भवती महिला नीलम की शुक्रवार सुबह अचानक तबियत खराब हो गई। जानकारी के मुताबिक नीलम एक वायर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में काम करती थीं और उसके पास ईएसआई कार्ड भी था। इसलिए उसका पति विजेंद्र उसे सुबह 6 बजे ऑटो से नोएडा के सेक्टर 24 स्थित ईएसआईसी अस्पताल लेकर गया। ‘ईएसआईसी अस्पताल ने उसे कुछ समय के लिए ऑक्सिजन लगाई और फिर उसे नोएडा के सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में रेफर कर दिया। परन्तु जब बिजेंद्र नीलम को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा तो वहां के स्टाफ से उसे भर्ती करने से साफ मना कर दिया। स्टाफ ने उसे कहा कि जब खोड़ा कॉलोनी में रहते हो तो यहां क्यों आए हो गाजियाबाद जाओ। स्टाफ ने कहा खोड़ा कंटेनमेंट जोन है इसलिए हमें वापस जाकर वहीं इलाज कराना चाहिए।
विजेंद्र के मुताबिक इसके बाद वह नीलम को लेकर सेक्टर 51 स्थित शिवालिक अस्पताल गया जहां उसका पहले भी इलाज चल रहा था। मगर उन्होंने भी उसे यह कह कर भर्ती करने से मना कर दिया कि महिला की हालत गंभीर है और उसे किसी बेहतर अस्पताल ले जाया जाये। जिसके बाद करीब 11 बजे बिजेंद्र नीलम को लेकर फोर्टिस अस्पताल लेकर गया, परन्तु वहां भी उसे भर्ती नहीं किया गया। स्टाफ ने कहा कि उनके पास बेड और वेंटिलेटर खाली नहीं है। किसी दूसरे हॉस्पिटल में ले जाओ। जिसके बाद यह शख्स अपनी पत्नी को लेकर नोएडा के सेक्टर 128 स्थित जेपी अस्पताल पहुंचा, परन्तु वहां के स्टाफ ने भी नीलम को भर्ती करने से इनकार कर दिया। इसके बाद वह उसे ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल लेकर गया मगर वहां भी उसे कह दिया गया, दूसरे अस्पताल ले जाओ। इसके बाद वह उसे ग्रेटर नोएडा के गर्वनमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइसेंस (जिम्स) अस्पताल लेकर गया। उन्होंने भी बेड न होने की बात कही। बिजेंद्र ने हिम्मत नहीं हारी और नीलम को लेकर गाजियाबाद वैशाली स्थित मैक्स अस्पताल ले गया लेकिन वहां भी भर्ती करने से मना कर दिया गया। आखिर में थक-हार कर वह दोबारा से पत्नी को जिम्स अस्पताल ग्रेटर नोएडा लेकर गया। अस्पताल पहुंचने पर जैसे ही ऑक्सीजन हटाई उसकी मौत हो गई।
पीड़ित विजेंद्र ने पूरी घटना को लेकर एक वीडियो बनाया है। जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में विजेंद्र रोते हुए उन 13 घंटों में उनके साथ अस्पतालों ने जो बर्ताव किया उसे बताते हुए नोएडा सेक्टर-24 के ईएसआई अस्पताल, सेक्टर 30 के सरकारी अस्पताल, शिवालिक अस्पताल, सेक्टर 128 स्थित जेपी अस्पताल, शारदा अस्पताल, मैक्स, फोर्टिस और जिम्स अस्पताल पर कार्रवाई की मांग की है।
उधर जैसे ही गर्भवती महिला की मौत की खबर गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन को मिली, उसने तुरंत घटना की जांच के आदेश दे दिए। इस मामले में जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने इस पूरे प्रकरण की जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मुनींद्र नाथ उपाध्याय तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी को सौंपी है। जिलाधिकारी ने दोनों अधिकारियों को इस प्रकरण में तत्काल जांच करते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
Pregnant woman dies in ambulance in Greater Noida after frantic 13-hour search for hospital bed failed as over half-a-dozen facilities allegedly denied admission; probe ordered
— Press Trust of India (@PTI_News) June 6, 2020