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कोरोना काल में जहाँ एक और लोग परेशान थे वहीं बच्चों की शिक्षा पर भी इसका असर दिख रहा था। खासकर कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क न होने की वजह से बच्चों को ऑनलाइन पढाई करने में बहुत परेशानी उठानी पड़ रही थी। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में तो हालात बेहद ख़राब थे। नेटवर्क न होने से बच्चे घर से बाहर निकलकर नेटवर्क के लिए खतरा मोल ले ऊँची पहाड़ियों पर पढ़ने जा रहे थे। ऐसे में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पहल की।sangeeta-farasi

जिनमे से पौड़ी में शिक्षिका व सामाजिक कार्यकर्ता संगीता कोठियाल फरासी ने खुद के प्रयासों से कई गांवों में बच्चों की शिक्षा के इंतेज़ाम किए। इसके लिए उन्होंने बेरोजगार युवक/युवतियों कुमारी हिमानी चौहान, पंकज गायत्री व् कुमारी सृष्टि भंडारी को कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करते हुए बच्चों को पढ़ाने के लिए अस्थाई रोजगार भी दिया। उनके इस अनुकरणीय व सराहनीय कार्य के लिए ग्राम गहड की ग्राम सभा ने न केवल सराहना की अपितु उनका आभार भी व्यक्त किया।sangeeta-farasi

ग्राम पंचायत गहड़ विकासखंड खिर्सू जनपद पौड़ी की ग्राम प्रधान रुक्मणि देवी ने वकायदा पत्र लिख कर शिक्षिका संगीता फरासी के प्रयासों की भूरी भूरी प्रसंशा की।