ग्रेटर नोएडा: शनिवार को रामाज्ञा स्कूल, डेल्टा 2 में “ग्रैंड पेरेंट्स डे” का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों के अन्दर अपने पेरेंट्स का सम्मान और बच्चों के पेरेंट्स के अन्दर अपने बुजुर्ग माता पिता का सम्मान और उनका ख्याल रखना था। कार्यक्रम का उद्घाटन स्कूल की प्रिंसिपल श्रेष्ठा त्रिपाठी ने दीप प्रज्वलि कर किया। इस अवसर पर प्रिंसिपल श्रेष्ठा त्रिपाठी ने उपस्थित सभी बच्चों एवं पेरेंट्स से आग्रह किया कि वे अपने बुजुर्गों (ग्रैंड पेरेंट्स) को हमेशा अपने साथ रखें, क्योकि बच्चों को उनके प्यार और आशीर्वाद की हमेशा आवश्यकता होती है और ग्रैंड पेरेंट्स के सानिध्य में बच्चों के अन्दर अच्छे संस्कार आते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना के साथ की गई।
चूँकि कार्यक्रम का नाम ही “ग्रैंड पेरेंट्स डे” था। इसलिए कार्यक्रम में जितनी भी प्रस्तुतियां हुई सभी ग्रैंड पेरेंट्स थीम पर आधारित थी। कार्यक्रम में नन्हे मुन्ने बच्चों ने दादी अम्मा, दादी अम्मा मान जाओं ना… तथा नानी तेरी मोरनी को मोर ले गए.. आदि मनमोहक प्रस्तुतियां पेश उपस्थित सभी दर्शकों का दिल जीत लिया।
दादा-दादी, नाना-नानी के लिए क्विज कॉम्पीटिशन
ग्रैंड पेरेंट्स डे के अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी दादा-दादी, नाना-नानी के लिए क्विज कॉम्पीटिशन भी रखा गया, जिसमे पुरानी फिल्मो पर आधिरित गाने एवं हीरो हीरोइन तथा फिल्मों के बारे में प्रश्न पूछे गए। और विजेताओं का तालियों के साथ स्वागत किया गया. इसके अलावा दादी-नानी के जूड़े और चश्मे पर आधारित क्विज भी पूछे गए।
बच्चों द्वारा वृद्धाश्रम (Old Age Homes) पर आधारित थियेटर (नाट्य रूपान्तरण)
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा रामाज्ञा स्कूल के बच्चों द्वारा वृद्धाश्रम (Old Age Homes) पर आधारित थियेटर (नाट्य रूपान्तरण)। इस थियेटर द्वारा बच्चों ने उपस्थित सभी पेरेंट्स को बताया कि कैसे आजकल के पेरेंट्स अपने पेरेंट्स यानी उनके दादा-दादी को वृद्धाश्रम (Old Age Homes) भेज देते हैं और किस तरह वृद्धाश्रम में दादा-दादी अपने बच्चों की याद में घुट घुट कर मर जाते हैं। वास्तव में वृद्धाश्रम पर किया गया यह नाट्य रूपान्तरण बहुत ही मार्मिक और दिल को झकझोर देने वाला था। थियेटर की समाप्ति पर लगभग सभी दर्शक आँखों से आंसू पोछते हुए नजर आये।
कार्यक्रम के दौरान स्कूल की प्रिंसिपल श्रेष्ठा त्रिपाठी ने बताया कि रामाज्ञा स्कूल में बीते अगस्त माह से थियेटर क्लास शुरू की गई हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य सबसे पहले बच्चों के अन्दर स्टेज पर खड़े होने तथा माइक बोलने का कॉन्फिडेंस पैदा करना है। और उसके बाद उनके अन्दर छुपी कला को प्रदर्शित करना है। मेरे ख्याल से यह एक अच्छी पहल है और अन्य स्कूलों को भी इस तरह के थियेटर क्लासेज शुरू करनी चाहिए। कार्यक्रम के अंत में बच्चों ने पेरेंट्स के लिए गाना गाया- “मम्मी, पापा से कहो कि गाँव से दादा दादी को लेकर आयें।” कार्यक्रम में स्कूल के चेयरमैन डॉ. संजय गुप्ता और स्कूल मैनेजमेंट का भी पूर्ण सहयोग रहा।