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शंभू नाथ गौतम

दस दिनों से दिल्ली में चल रहे मानसून सत्र के दौरान अभी तक कोई काम नहीं हो सका है। कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष ‘पेगासस फोन जासूसी’ को लेकर रोजाना संसद सत्र के दौरान शोर-शराबा करने में जुटा हुआ है। जिसकी वजह से हर रोज संसद की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ रही है। अभी तक ‘मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार और विपक्ष के सामंजस्य न होने से एक भी बड़ा फैसला पारित नहीं हो सका है। दूसरी ओर देश भर में मानसून की बारिश ने भी कई काम प्रभावित हैं। ‘देश के कई शहर बारिश में डूबे हुए हैं’। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी दो दिनों से राजधानी दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं और विपक्ष को मोदी सरकार के खिलाफ ‘लामबंद’ करने में जुटी हुईं हैं। मानसून सत्र के दौरान जनता भी मोदी सरकार से जनहित फैसले को लेकर इंतजार कर रही है। इस बीच आज ‘केंद्र सरकार ने लोगों को खासतौर पर बैंक उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है’ ‌। ‘पिछले कुछ वर्षों में सामने आए बैंक घोटालों, गड़बड़झालों और दिवालिया होने की खबरों के बीच क्या आपको भी यह डर लगता होगा कि बैंकों में जमा आपकी रकम डूब सकती है? चिंता तो होती होगी कि बैंक डूब गए तो उनमें जमा आपके पैसों का क्या होगा? मेहनत की कमाई आपको मिलेगी या नहीं? ऐसे तमाम सवाल मन में उठते होंगे, लेकिन चिंता की बात नहीं है। बैंक में जमा आपका पैसा एक निश्चित सीमा तक सुरक्षित रहेगा’। अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं उसको सुनकर आप भी निश्चिंत हो जाएंगे। ‘आज कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि जिस बैंक में आपका पैसा जमा है, अगर वह डूब जाता है और आपके अकाउंट से पैसा निकालने पर रोक लगा दी जाती है, तो चिंता की बात नहीं। आपका 5 लाख रुपये तक की जमा राशि सुरक्षित रहेगी। आपको यह राशि 90 दिन यानी करीब तीन महीने में वापस मिल जाएगी’।

कुछ वर्षों में कई बैंकों के दिवालिया होने से जमाकर्ताओं की रकम फंस गई थी

आपने देखा होगा हाल के वर्षों में कई बैंक दिवालिया घोषित हो गए थे जिससे लाखों-करोड़ों उपभोक्ताओं की रकम भी फंस गई थी। जिसके बाद उपभोक्ता अपनी रकम पाने के लिए बैंक और सरकारों के चक्कर लगाया करते थे। फिर भी उनको पूरा पैसा नहीं मिल पाता था।  लेकिन आज मोदी की कैबिनेट बैठक में एक बड़ा फैसला किया गया है। यहां हम आपको बता दें कि बुधवार को मोदी कैबिनेट ने बैंक बंद होने की स्थिति में खाताधारकों को 90 दिन के अंदर 5 लाख रुपये तक की अपनी राशि हासिल करने की सुरक्षा देने को लेकर डीआईसीजीसी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैबिनेट की बैठक के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) कानून में संशोधन के साथ जमा बीमा का दायरा बढ़ जाएगा और इसके अंतर्गत 98.3 प्रतिशत बैंक खाताधारक पूरी तरह संरक्षित हो जाएंगे। सीतारमण ने कहा कि इस विधेयक को मौजूदा मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। विधेयक के कानून बनने के बाद जमाकर्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी। गौरतलब है कि पिछले साल सरकार ने पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक जैसे संकटग्रस्त बैंकों के जमाकर्ताओं को सहायता देने के लिए जमा राशि पर बीमा आवरण को पांच गुना बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया था। पीएमसी बैंक के डूबने के बाद यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक भी संकट आए, जिनका पुनर्गठन नियामक और सरकार द्वारा किया गया। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में बैंक कवर बढ़ाने का एलान किया था, जिसके मुताबिक डीआईसीजीसी एक्ट के तहत बैंकों में जमा एक लाख की बजाय अब 5 लाख तक की रकम इंश्योर्ड यानी सुरक्षित रहेगी। बैंक अगर डूब भी गए तो जमाकर्ता को उनका पैसा तय समयसीमा के अंदर मिल जाएगा। आज उसी को लेकर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है। मालूम हो कि वर्ष 1992 में एक सिक्योरिटी स्कैम के कारण इसमें बदलाव किया गया। तब बैंक ऑफ कराड के दिवालिया हो जाने के बाद इंश्योर्ड डिपॉजिट की रकम की सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये की गई थी।