indian short film Patal Ti

Short film ‘Patal Ti’ selected for Moscow International Film Festival: रुद्रप्रयाग जिले के तीन युवाओं द्वारा भोटिया भाषा की लोककथा और पहाड़ के जीवन दर्शन पर बनाई गई शॉर्ट फिल्म ‘पताल ती’ (PATAAL TEE) का चयन दुनिया के सबसे पुराने फिल्म महोत्सव “मास्को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल” के लिए हुआ है। इससे पहले यह फिल्म बुसान इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल के लिए चुनी गई थी।

26 अगस्त से 2 सितंबर तक आयोजित 44वें मास्को इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव में 18 लघु फिल्मों में भारत से एक मात्र फिल्म “Pataal Tee” को चुना गया है। 24 मिनट की यह फिल्म भोटिया जनजाति की लोककथा पर आधारित है, जिसकी शूटिंग रुद्रप्रयाग व चमोली में हुई है।

उत्तराखंड की शॉर्ट फिल्म “पताल ती” को बनाने वाले टीम के प्रमुख सूत्रधार रुद्रप्रयाग जिले के तीन युवा हैं, फिल्म के निर्माता-निर्देशक संतोष रावत क्यूडी दशज्यूला, सिनोमेटोग्राफर बिट्टू रावत चोपता जाखणी, एक्सिक्यूटिव प्रोड्यूसर गजेन्द्र रौतेला और उनके बेटे कैमरामैन दिव्यांशु रौतेला कोयलपुर (डांगी गुनाऊं) के निवासी हैं। इन दिनों देश दुनिया की सुर्खियों में छाए रूद्रप्रयाग जिले के ये युवा अपनी प्रतिभा की चमक को अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के फलक पर बिखेर रहे हैं। इनमें कैमरामेन दिव्यांशु रौतेला सबसे युवा हैं और छोटी उम्र में ही उन्होंने कैमरे के पीछे रहकर अपनी प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय फलक तक पहुंचा दिया है।

मास्को इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव में इस बार अलग-अलग श्रेणी में दुनिया की 40 फिल्मों का चयन हुआ है। जिसमें 12 फीचर फिल्म, 10 डॉक्यूमेंट्री फिल्म और 18 शॉर्ट फिल्मों को चुना गया है। इस वर्ष इस कॉम्पिटिशन में भारत से एक मात्र शॉर्ट फिल्म पताल-ती का चयन हुआ है। पताल ती लघु फिल्म के निर्माता, निर्देशक संतोष रावत ने बताया कि उनकी फिल्म का चयन उस समय मास्को इंटरनेशनल फिल्म महोत्सव में हो रहा है, जब देश के महान फिल्मकार की 100वीं जयंती पर उनकी फिल्मों का रैट्रोस्पैक्टि (पूर्व व्यापी) हो रहा है। फिल्म के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर गजेंद्र रौतेला का कहना है कि दुनिया के फिल्म महोत्सव में पताल ती का चयन पूरे देश का मान है।