6 accused in the assassination of former Prime Minister Rajiv Gandhi will be released

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे नलनी और आरत रविचंद्रन समेत छह आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने आज रिहा करने के आदेश जारी कर दिए हैं। ‌सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दोषियों के जेल में अच्छे आचरण के कारण रिहाई का आदेश दिया जा रहा है। इससे पहले मई महीने में सुप्रीम अदालत ने मौत की सजा पाने वाले दोषी पेरारिवलन को भी रिहा करने के आदेश दिये थे।

राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार और रॉबर्ट पॉयस को रिहा करने के आदेश दिया है। पेरारिवलन पहले ही इस मामले में रिहा हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई 2022 को जेल में अच्छे बर्ताव के कारण पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था। जेल से रिहा होने के बाद नलिनी ने एक टीवी चैनल से बात की। उन्होंने कहा, मैं आतंकवादी नहीं हूं। मैं पिछले 32 सालों से जेल में बंद थी और ये मेरे लिए संघर्ष वाले समय रहे हैं। मैं उन सभी का धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने मेरा समर्थन किया। विश्वास रखने के लिए मैं तमिलनाडु के लोगों और सभी वकीलों को धन्यवाद देती हूं।

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 की रात को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसकी पहचान धनु के रूप में एक चुनावी रैली में हुई थी। मई 1999 के अपने आदेश में, सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों पेरारिवलन, मुरुगन, संथान और नलिनी की मौत की सजा को बरकरार रखा था। हालांकि 2014 में पेरारीवलन की मौत की सजा को संथान और मुरुगन के साथ-साथ उनकी दया याचिकाओं पर फैसला करने में 11 साल की देरी के आधार पर उम्रकैद में बदल दिया। नलिनी की मौत की सजा को 2001 में इस आधार पर आजीवन कारावास में बदल दिया गया था कि क्योंकि उसकी एक बेटी है।