SPIC MACAY : स्पिक मैके द्वारा पौड़ी, टिहरी रूद्रप्रयाग के विभिन्न सरकारी विद्यालयों में भारतीय संस्कृति की विशिष्ट धरोहर शास्त्रीय नृत्य की आठ विधाओं में से दो विधाओं कथक व भरतनाट्यम की कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें भारत की दो नामचीन कथक कलाकार वर्षा दास गुप्ता व डॉ, मंद्रकांता राय ने भरतनाट्यम की शानदार प्रस्तुति से उत्तराखण्ड राज्य के छात्र छात्राओं को रूबरू कराया। कार्यक्रम के अंतिम दिनं राजकीय बालिका इंटर कॉलेज पैडुल व जनता इंटर कॉलेज परसुंडाखाल में कथक व राजकीय इंटर कॉलेज रूद्रप्रयाग व राजकीय इंटर कॉलेज दिखोल्यू में भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी गई। इस कार्यशाला के लिए विद्यालयों के प्रधानाचार्य ने स्पिक मैके की जमकर प्रशंसा की। स्पिक मैके के कत्थक सर्किट कार्यक्रम के अंतर्गत
- जीआईसी केवर्स
- जीआईसी नलईखाल
- जीआईसी नाहसैण
- हाईस्कूल बगानीखाल
- जीआईसी क्यार्क।
- जीआईसी कल्जीखाल।
- जूनियर हाईस्कूल कल्जीखाल।
- जीआईसी कोट
- जीआईसी खोलाचौरी
- जनता इंटर कालेज परसुंडाखाल।
- जीजीआईसी पैडुल। तथा भरतनाट्यम सर्किट कार्यक्रम कार्यक्रम के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज,खिर्स।
- राजकीय इंटर कॉलेज बगढ़वालधार
- राजकीय इंटर कॉलेज हिंसरियाखाल
- राजकीय इंटर कॉलेज गोनीखाल
- राजकीय इंटर कॉलेज नागराजाधार
- राजकीय इंटर कॉलेज दिखोळ्यू
- राजकीय इंटर कॉलेज मालतौली,रुद्रप्रयाग
- मैसमोर इंटर कॉलेज पौड़ी
- राजकीय बालिका इंटर कॉलेज पौड़ी।
- राजकीय इंटर कॉलेज रुद्रप्रयाग मे प्रस्तुति दी गयी।
स्पिक मैके की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य स्पिक मैके नामचीन रंगकर्मी परवेज़ अहमद ने बताया कि स्पिक मैके एक गैर-राजनीतिक, राष्ट्रव्यापी, स्वैच्छिक आंदोलन है। जिसकी स्थापना 1977 में आईआईटी-दिल्ली में प्रोफेसर डॉ. किरण सेठ द्वारा की गई थी। जिन्हें 2009 मे कला के क्षेत्र मे योगदान हेतु पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
स्पिक मैके का इरादा भारतीय विरासत के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूकता बढ़ाकर औपचारिक शिक्षा की गुणवत्ता को समृद्ध करना और उसमें निहित मूल्यों को आत्मसात करने के लिए युवा मन को प्रेरित करना है। इसके लिए देश के सबसे निपुण कलाकार मुख्य रूप से स्कूलों और कॉलेजों में भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य, लोक, कविता, रंगमंच, पारंपरिक पेंटिंग, शिल्प और योग के कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। 2011 में, SPIC MACAY को युवा विकास में योगदान के लिए राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। स्पिक् मैके दुनिया भर के 300 से अधिक शहरों में चेप्टरो के माध्यम से कार्यक्रम आयोजित करवाता यह।
हर साल स्पिक मैके भारत के लगभग 1000 शहरों में 1500 से अधिक संस्थानों में 5000 से अधिक कार्यक्रम करता है। जो 30 लाख से अधिक छात्रों को छूते हैं। ये सभी कार्यक्रम हजारों स्वयंसेवकों द्वारा आयोजित किए जाते हैं। स्पिक मैके निष्काम सेवा का जश्न मनाता है, स्वयंसेवीकरण की भावना बिना किसी अपेक्षा के निस्वार्थ रूप से देने की भावना, एक ऐसा मूल्य जो हमारी संस्कृति के लिए आंतरिक है और आज की दुनिया में पोषण के लिए महत्वपूर्ण है।
स्पिक मैके की इस कार्यशाला के आयोजन में गणेश बलुनी, मनोहर बिष्ट व महेश गिरि का विशेष सहयोग रहा।