ग्यारहवें दिन धाद की हरेला यात्रा पहुँची राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय, नत्थनपुर
धाद के एक माह चलने वाला हरेला कार्यक्रम विभिन्न संस्थानों, दफ्तरों, स्कूल और मोहल्लों से होता हुआ ग्यारहवें दिन राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय नत्थनपुर पहुँचा। इस अवसर पर धाद का परिचय देते हुए उपाध्यक्ष गणेश उनियाल ने बताया कि यूँ तो संस्था की शुरुआत 1987 मे हुई थी पर हरेला मानना उन्होंने 2010 मे शुरू किया। संस्था हरेला को ना केवल शासन स्तर पर ले कर गई ब्लकि तभी से एक मासिक कार्यक्रम के रूप मे मना रही हैं। जिसमे इस वर्ष अब तक आई.आर.बी. द्वित्तीय, जीजीआईसी कॉलागड़, विकास लोक कॉलोनी नत्थनपुर, सुशीला मेडिकल कॉलेज, दून वर्ल्ड स्कूल, दत्ता एनकलेव, आदि प्रमुख है। रविवार को विशेष रूप से बनिया वाला मे बाल वन मे आम समाज के सहयोग से वन विकसित किया जा रहा है।
कोना कक्षा की सचिव आशा डोभाल ने हरेला के बारे मे जानकारी देते हुए बताया की पर्यावरण के संतुलन के लिए हरेला जैसे पर्व की ही जरूरत है। पर्यावरण दिवस तो जून मे मनाया जाता है जब अत्याधिक गरमी से पौधे पनप नहीं पाते, परंतु हरेला मे वर्षा और पौधारोपण साथ-साथ चलते है।
स्कूल के प्राध्यापक श्री राजेन्द्र नेगी जी ने धाद की इस मुहीम की प्रसंसा करते हुए कहा कि आज के सामाज को इन्हीं तरह के जनान्दोलनों से जगाए जाने की जरूरत है तभी हम और हमारी पृथ्वी बच पाएगी ।
सत्र का संचालन अर्चना ग्वाड़ी ने किया। कार्यक्रम मे धाद से सुशीला गुसाई ने सभी को हरेला की शुभकामनाएं देते हुए पेड़ों के महत्व की बात की । धाद स्मृति वन की सचिव नीना रावत ने कपूर के पौधे की विशेष उपयोगिता बतायी जिसे बाद मे विद्यार्थियो द्वारा रोपा गया।
इस अवसर पर स्कूल के शिक्षक ज्योति जोशी, अंशु पाठक, किरण जुगराण , किरण बिष्ट और धाद की ओर से साकेत रावत, कंचन बुटोला, चंद्र बाला शुक्ला और शुभम मौजूद थे।