नई दिल्ली: सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर शिक्षा एवं रोजगार में 10 फीसदी आरक्षण देने से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक 10 घंटे की लम्बी चर्चा के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। बिल को लेकर राज्यसभा में हुई वोटिंग के दौरान बिल के समर्थन में 165 वोट पड़े जबकि इस बिल के खिलाफ केवल 7 वोट पड़े। इससे पहले राज्यसभा सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने बिल को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजने के लिए प्रस्ताव रखा था। हालांकि वोटिंग के दौरान इसके पक्ष में 18 और खिलाफ में 155 वोट पड़ने के साथ ही बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग भी खारिज हो गई।
बता दें कि कि सोमवार को मोदी सरकार की केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जातियों को नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद मंगलवार को सामान्य वर्ग को आर्थिक आघार पर 10 फीसदी आरक्षण देने संबंधी संविधान संधोधन विधेयक को लोकसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन लोकसभा में पेश किया गया। जिसे बिना किसी विरोध के लोकसभा में आसानी से पास कर लिया गया। इसके बाद आज बुधवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया। उम्मीद के मुताबिक राज्य सभा में भी इस बिल का किसी भी राजनैतिक दल ने खुलकर विरोध नहीं किया और 10 घंटे की लंबी चर्चा के बाद राज्य सभा में भी गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण वाला बिल आसानी से पास हो गया है। इसी के साथ राज्यसभा की कार्यवाही भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्य सभा से पास होने जाने के बाद इस बिल को अंतिम मंजूरी के लिए महामहीम राष्ट्रपति के पास भेजा जायेगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद सामान्य वर्ग को आर्थिक आघार पर शिक्षा एवं रोजगार में 10 फीसदी आरक्षण का कानून बन जायेगा।
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