दयब्ता इगासर दयब्ता दैणु ह्वै जै, द्वी गति बैसाख त्यारु मेला उरी ग्ये….

एकेश्वर मेला : यू तो उत्तराखंड के कण- कण में देवताओं का वास है। इसी लिए उत्तराखंड को देवभूमि कहां जाता है। ऋषि मूनियों की पुण्य भूमि आज भी अनेक देवी देवताओं के नाम पर प्रतिष्ठित मंदिरों को अपने गोद में आश्रय दिए हुए है। देवभूमि में कण कण में शक्तिपीठ एवं शिवालय विद्यमान है। इन्हीं में से एक हैं पौड़ी जनपद के चौंदकोट परगना के एकेश्वर महादेव मंदिर, जहां अतीत में कभी 2 गते बैशाख ईगासर कौथीग के नाम से विख्यात मेला लगता था। जिस मेले पर लोक गायकों ने अपने अपने गीतों में उकेरा है।

हालाँकि लगातार पहाड़ में हो रहे पलायन और जब से आधुनिक टेक्नोलॉजी का जमाना आया पौराणिक मिले लुप्त होने कगार पर पहुंच गए। शक्तिपीठ एकेश्वर महादेव मंदिर में 2 गते बैशाख को लगने वाला चौंदकोट का प्रसिद्ध इगासर कौथिग पुन: 25 साल बाद एक भव्य और सांस्कृतिक स्वरुप में लौट आया है। ताकि लुप्त हो रही हमारी लोक कला संस्कृति फिर से  संरक्षण हो सके। इस दो दिवसीय मेले के अयोजन का बीड़ा उठाया है जिला पंचायत सदस्य आरती नेगी एवं उनके पति डीसीबी के डायरेक्टर नरेंद्र नेगी के साथ समस्त एकेश्वर की जनता ने।

दो दिवसीय इगासर मेला में बाजार और मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। वही मेलार्थियों के लिए दो दिवसीय विशाल भंडारे का भी समिति द्वारा आयोजन रखा गया। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रथम दिवस क्षेत्र की 33 महिला मंगल दलों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सांस्कृतिक प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। सभी ने अपनी अपनी बेहतरीन प्रस्तुति दी। जिसमें प्रथम स्थान गुराड़ मल्ला, द्वितीय स्थान रांसवा, तृतीय स्थान नांव की महिला मंडली का रहा। विजेताओं को  प्रथम पुरस्कार के रूप में 11,000/- रुपये, द्वितीय पुरस्कार 5,100/- और तृतीय पुरस्कार 3,100/- रूपए की धनराशि भेंट की गयी। इस्सके अलावा सभी 33 महिला मंगल दलों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में सम्मानित किया गया।

इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य आरती नेगी एवं मेला आयोजन समिति ने क्षेत्र के सभी प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, समाजसेवियों एवं अतिथियों को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। आयोजन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह नेगी और आरती नेगी ने अपने संबोधन में उपस्थित सभी अतिथियों एवं क्षेत्रीय जनता का मेले को सफल बनाने में और सहयोग के लिए आभार एवं धन्यवाद व्यक्त किया। प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल में अशीष नेगी, संजय रावत, सुमन मैठाणी, मनोज भट्ट गढ़वाली रहे। वही लोक कलाकारों में हास्य कलाकार संदीप छिलबट ने अपने गढ़वाली व्यंगो से लोगो को खूब हंसाया। स्थानीय लोक गायक जीतू मियां राठौर, प्रीति कोहली और अनुरागी ब्रदर्स की धूम रही। दिव्यांग अनुरागी ब्रदर में निर्मल अनुरागी, मुकेश अनुरागी, अंजली अनुरागी की जुगलबंदी की खूब धूम रही। दर्शकों ने उनकी प्रस्तुतियों को खूब सराहा और उन्हें मंच पर ही आर्थिक सहयोग करने में कोई कोर कसर नहीं की।

इस अवसर पर अतिथि के तौर पर नरेन्द्र सिंह रावत कुट्टी निवर्तमान अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक कोटद्वार, सुरेंद्र सिंह नेगी पूर्व प्रमुख कल्जीखाल, नरेन्द्र डंडरियाल पूर्व प्रमुख एकेश्वर, संजय डबराल मिंटू जिला पंचायत सदस्य, ग्रामीण पत्रकार जगमोहन डांगी, अध्यक्ष व्यापार मंडल एकेश्वर् सुनील रावत, एकेश्वर् महादेव मंदिर समिति के अध्यक्ष कुलदीप किशोर जोशी, हरीश बडोला, अशोक पुंडीर, तेजपाल पंवार, राकेश हेमदानआदि की मौजूदगी रही।

कार्यक्रम संचालन रंगकर्मी योगम्बर पोली ने किया। विशेष अतिथि के रूप में लोक गायक अनिल बिष्ट की उपस्तिथि रही। उन्होंने दर्शकों के फरमाइश पर बजरंगबली का एक बेहतरीन भजन गाया। जिस पर पंडाल में उपस्थित महिलाएं नाचने पर मजबूर हो गई।