Bharatiya Yog Sansthan

भारतीय योग संस्थान का 57वां स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। तनाव दूर करने के लिए हास्यासन कराया गया। इसके बाद योगाचार्य  ने ताड़ासन, वृक्षासन, गरुड़ासन, नटराज आसन एवं हाथ और पैरों के दर्द को ठीक करने में सहायक सूक्ष्म क्रियाएं करवाई।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आयुर्वेदाचार्य रहे। उन्होंने बताया कि योग से जीवन में और समाज में अनुशासन आता है। योग हमें सुखी जीवन जीने की प्रेरणा देता है। योग के द्वारा ही व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है। उसके अंदर इंसानियत का भाव पैदा होता है। योगगुरु देशराज जी ने बताया कि भारतीय योग संस्थान की स्थापना 10 अप्रैल 1967 को हुई थी।

योगगुरु देशराज जी ने बताया कि भारतीय योग संस्थान के संस्थापक स्वर्गीय प्रकाश लाल ने जब दिल्ली में कुछ विदेशियों को देश के भोले भाले लोगों को पैसे लेकर योग सिखाते हुए देखा तो उन्हें बड़ा दुख हुआ कि योग भारतीय संस्कृति की धरोहर है, और विदेशी लोग हमारी संस्कृति को हमारे देश में ही बेच रहे हैं। उन्होंने उसी समय निर्णय लिया कि हम योग को पूरे देश में और विदेशों में भी निशुल्क घर-घर तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।

हर व्यक्ति को मिले लाभ

योगाचार्य  ने कहा कि भारतीय योग संस्थान के संस्थापक स्वर्गीय जय प्रकाश लाल का अंतिम संदेश था कि संस्थान ऐसे कार्यकर्ताओं का निर्माण करना चाहता है जो लेटे हुए को बैठा दे। बैठे हुए को खड़ा कर दे और खड़े हुए को दौड़ा दे अर्थात उसमें प्राण फूंक दे।