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दिल्ली: रविवार को हाई हील्स पब्लिक स्कूल बुराड़ी, दिल्ली में “काफल” सहकारी संस्था का वार्षिक आयोजन था जिसमें संस्था के आय व्यय, सांस्कृतिक कार्यक्रम व लोगों को संस्था से जुड़ने के लिए जागरूक करना था। इस आयोजन के मुख्य अतिथि संस्कृत एकेडमी दिल्ली के सचिव जीतराम भट्ट थे उन्होंने संस्था की कार्यप्रणाली को सराहा व इसे किस प्रकार एक बैंक में तब्दील किया जाय पर अपने सुझाव रखे।kafal-society-delhi

संस्था के महासचिव देवेंद्र रतूड़ी जी ने “काफल” के बारे में बताया कि ये एक पहाड़ी फल है और बहुत ही मीठा व रसीला होता है ठीक उसी तरह हम भी ”काफल” (एक्शन फ़ॉर फाइनेंसियल ऑटोनोमी & लिबर्टी) के जरिये आप सभी के जीवन को भी मीठा व रसीला बनाने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने बताया कि वर्षों पहले हमारे लोग नौकरियों के लिए शहरों में आये और अपनी छोटी छोटी जरूरतों के लिए मिलकर धन संग्रह कमेटियां बनाई जिसका उन्हें लाभ भी मिला और उसी को ध्यान में रखकर हमने भी शुरुआत की किन्तु बाद मे ये महसूस हुआ कि अब हमारी जरूरतें भी बढ़ गई है ओर अधिकांश लोग सम्पन्न हैं तो क्यों न इसे एक व्यापक रूप दिया जाय इसके लिए हमने प्रयास किए व सर्वप्रथम संस्था को रजिस्टर करवाया और अन्य छोटी धनसंग्रह संस्थाओं को अपने साथ चलने को कहा क्योंकि जब हमारी टर्नओवर बढ़ेगी तभी हम बैंक में खुद को तब्दील कर सकेंगे। उनके अनुसार दिल्ली में ऐसी ही दस हज़ार से अधिक संस्थाएं हैं और अकेले बुराड़ी में ही ढाई सौ से अधिक संस्थाएं है जिनके साथ हम संपर्क में है जो जल्द काफल में शामिल हो जाएंगी। इसके अलावा उन्होंने समिति के वर्ष भर के आय व्यय को भी जनता के बीच रखा और जनता किस तरह से काफल के साथ जुड़कर आर्थिक रूप से लाभान्वित हो सकती है उसका पूरा व्यौरा सबको समझाया।kafal-society-delhi

इस कार्यक्रम में काफल के साथ USB (उत्तराखंड सोशल बिज़नेस ट्रस्ट) के विनोद बिष्ट ने बताया कि आप समूह के साथ जुड़कर अपनी आर्थिक मजबूती व विकास को निश्चित कर सकते हो। USB का लक्ष्य समाज को आर्थिक रूप से सम्पन्न बनाना है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि ये एक सामाजिक व्यापार समूह है। ये एक स्वयं सहायता समूह की तरह कार्य करता है क्योंकि स्वयं समूह का कार्य व्यक्ति व परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना है। USB ट्रस्ट “टाटा अमूल” की भांति एक बड़े बाजार में पकड़ बनाने के लिए व्यावसाहिक समूह की तरह निरंतर प्रगति पथ पर है व कई लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।kafal-co-oprative-society

इस कार्यक्रम में अनेक सामाजिक संस्थाओं, व्यापारियों, पत्रकारों, लेखकों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं स्कूली बच्चों व अन्य अनेकों लोगों ने अपनी भागीदारी की। कार्यक्रम के अंत में “काफल” के द्वारा भोजन की व्यवस्था भी की गई। इस पहल में इनको लोगों का काफी सहयोग मिल रहा है जो खुद को सम्पन व आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए अर्थ समर्थ के साथ जोड़ रहे हैं।

द्वारिका चमोली