केंद्र सरकार ने आईएएस दंपति पर पहली बार ऐसी कार्रवाई की है जो सोशल मीडिया पर गुरुवार शाम से खूब सुर्खियों छाई है। मामला राजधानी दिल्ली का है। यहां दिल्ली सरकार के रेवेन्यू विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी के रूप में तैनात आईएएस अधिकारी संजीव खिरवार काफी समय से दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में अपनी आईएएस पत्नी के साथ कुत्ते को घुमाते थे। आईएएस के स्टेडियम में कुत्ता घुमाने को लेकर लोगों ने इसकी शिकायत सरकार से की। आखिरकार आईएएस दंपति को स्टेडियम में कुत्ता घुमाना भारी पड़ गया। गुरुवार शाम को गृह मंत्रालय ने मामले में एक्शन लिया। आईएएस संजीव खिरवार और उनकी पत्नी रिंकू डुग्गा का एक साथ ट्रांसफर कर दिया।
आईएएस अधिकारी संजीव खिरवार को लद्दाख भेजा गया है, जबकि उनकी पत्नी रिंकू दुग्गा की पोस्टिंग अरुणाचल प्रदेश में की गई है। यानी अब ये आईएएस दंपति एक दूसरे से लगभग 3100 किलोमीटर दूर रहेंगे। पिछले दिनों आईएएस के स्टेडियम में कुत्ता घुमाने पर गृह मंत्रालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव से मामले की रिपोर्ट मांगी थी। मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौप दी, इसके बाद सरकार ने आईएएस दंपति के खिलाफ एक्शन लिया। केंद्र सरकार के अंडर सेक्रेटरी राकेश कुमार सिंह ने आईएएस दंपति को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित प्रदेशों में ज्वाइन करने का आदेश दिया है।
बता दें कि साल 1994 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव दिल्ली में रेवेन्यू कमिश्नर के पद पर तैनात थे। केंद्र सरकार द्वारा पहली बार लिए गए ऐसे एक्शन के बाद आईएएस लॉबी में भी खलबली मची हुई है।
इस पूरे मामले में आईएस संजीव खिरवार ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि मेरी वजह से प्रैक्टिस रुकने की बात निराधार है। मैं कभी-कभार ही कुत्ते के साथ ट्रैक पर जाता हूं। जब खिलाड़ी नहीं होते, तभी जाता हूं। कभी किसी खिलाड़ी को स्टेडियम से बाहर जाने को नहीं कहा। कुत्ते को भी तभी ट्रैक पर छोड़ता हूं, जब वहां कोई नहीं होता। अगर ये आपत्तिजनक है तो इसे बंद कर देता हूं। आईएएस दंपति पर की गई कार्रवाई सोशल मीडिया पर चर्चा में बनी हुई है। बता दें कि यह दिल्ली का त्यागराज स्टेडियम वही है जो साल 2010 में कॉमनवेल्थ खेलों के लिए बनाया गया था।
किरण बेदी ने आईएएस के ट्रांसफर पर सवाल उठाए
पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं वर्तमान में पुदुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने आईएएस संजीव खिरवार के ट्रांसफर पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर आईएएस के स्टेडियम में कुत्ता घुमाने की घटना को सही पाया गया तो उन्हें दूसरे केंद्र शासित प्रदेश क्यों भेजा जा रहा है? उन्हें फैसला आने तक छुट्टी पर क्यों नहीं भेजा जा रहा। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सिविल सेवा के पद गंभीर लोगों के लिए हैं।
IF the incident of dog walk in the stadium by this IAS is found correct, then why being sent to another UT
Why not he proceed on leave pending the decision to assess whether he is fit to continue in the service.
All India Civil Services are serious positions anywhere. pic.twitter.com/FdAYGavzRV— Kiran Bedi (@thekiranbedi) May 26, 2022