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नोएडा:  रिटायर्ड कर्नल और एडीएम विवाद मामले के तूल पकड़ने पर नोएडा पुलिस कुछ हद तक तो हरकत में आई है। हालाँकि अभी भी पुलिस रिटायर्ड कर्नल को फर्जी केस में फंसाने वाले आरोपी एडीएम हरीश चंद्रा, उसकी पत्नी और अपराध में शामिल अन्य लोगो को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। परन्तु आज गुरूवार को नोएडा प्राधिकारण ने सेक्टर-29 स्थित एडीएम के घर पर बने अवैध छज्जे को ढहा दिया है। बताया जा रहा है कि दोनों पड़ोसियों के बीच विवाद का मुख्य कारण अवैध रूप से बना यही छज्जा था।

रिटायर्ड कर्नल ने आज मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि एडीएम हरीश चन्द्रा और उसकी पत्नी ने मुझ पर जो आरोप लगाए थे, वह सरासर निराधार हैं और यह उनकी सोची-समझी साजिश थी। इसका मुख्य कारण एडीएम द्वारा अपने फ्लैट में अनाधिकृत रूप से किए जा रहे निर्माण में हस्तक्षेप करना और प्राधिकरण द्वारा उस पर कार्रवाई करना था। अपने रसूख का फायदा उठाते हुए एडीएम ने पुलिस के साथ मिलकर मुझे झूठे आरोपों में जेल भिजवाया। वहीं सीसीटीवी फुटेज और डीएम के आदेश के बाद एडीएम समेत सात आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर तो दर्ज हो गई, लेकिन अभी तक एडीएम और उसकी पत्नी व अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस ने क्यों नहीं की। इससे साफ पता चलता है कि पुलिस अभी भी गंभीर नहीं है, जिससे लिए आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मांग पत्र जारी किया है। पूर्व सैनिकों ने रिहाई के बाद गुरुवार को रिटायर्ड कर्नल की मौजूदगी में नोएडा के सेक्टर -37 सामुदायिक केंद्र में मीडिया से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक सात सूत्रीय मांग पत्र जारी कर न्याय की गुहार लगाई गई है। अगर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं होती तो सभी पूर्व सैनिक हस्ताक्षर अभियान भी चलाएंगे।

हालाँकि इससे पहले इस मामले में भूतपूर्व सैनिकों के रोष के बाद दबाव ने आई नोएडा पुलिस ने कर्नल डी.एस. चौहान के साथ बदसलूकी करने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही राहुल नागर और जितेंद्र अवस्थी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया था। हालाँकि दोनों को अगले दिन ही जमानत मिल गई थी। इसके आलावा  तत्कालीन सीओ-1 अनित कुमार को दादरी सीओ से हटाकर एसएसपी ऑफिस से अटैच करके पुलिस लाइन प्रभारी बना दिया। वहीं, सूरजपुर में एसएचओ मनीष सक्सेना को लाइन हाजिर कर दिया गया। अनित कुमार की जगह सीओ ट्रैफिक सतीश कुमार को दादरी का सीओ बनाया गया है।

गैरतलब है कि नोएडा के सेक्टर-29 में रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान के पड़ोस में रहने वाले एडीएम हरीश चंद्र की पत्नी उषा चंद्र ने 14 अगस्त को नोएडा के थाना सेक्टर-20 में कर्नल के खिलाफ छेड़छाड़, अगवा करने का प्रयास समेत एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। तथा एडीएम ने अपने पद का रुतबा दिखाते हुए थाना सेक्टर-20 पुलिस पर दबाव बनाकर रिटायर्ड कर्नल को जेल भिजवा दिया था। इस मामले में नोइयेदा पुलिस ने प्रशासनिक अधिकारी के कहने पर बिना किसी जांच पड़ताल के रिटायर्ड कर्नल वीएस चौहान को जेल भेज दिया था।

रिटायर्ड कर्नल का आरोप है कि पुलिस ने मानवाधिकार नियमों के विपरीत उन्हें खूंखार अपराधी की तरह हथकड़ी लगाकर कोर्ट में पेश किया था। इसके अलावा उन्हें थाने में कुर्सी पर बैठाने की जगह फर्श पर बैठाया। तथा अपनी बात रखने पर उन्हें बुरी तरह डांट फटकार कर चुप करा दिया था।