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पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखण्ड के जनकवि गिरीश तिवारी गिर्दा की 8वीं पुण्य तिथि के अवसर पर पौड़ी नगर के बुद्धिजीवियों, कलाकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजली अर्पित की। इस अवसर पर गिरदा के उत्तराखंड राज्य आंदोलन के लिए सामाजिक योगदान को याद किया गया और उनकी रचनाशीलता, उनके गीत, उनकी कविता, उनके लोक नाटकों में उठाए गये मुद्दे और जो कुछ वह समाज को दे गये पर चर्चा हुई।

स्वर्गीय गिर्दा की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजली सभा में वक्ताओं ने कहा कि उन्हें अपनी माटी के प्रति असीम प्रेम था जो उनकी अनेक कविताओं में झलकता है। उनकी कई कवितायें आज भी लोगों की जुबान पर बसी हैं। वे एक सोशियल एक्टिविस्ट भी रहे। उन्होंनें अपने समय कई पद यात्रायें की और समाज को जागरूक करने का कार्य किया। वे प्रतिरोध के व्यक्तित्व थे। अत्याचार व गलत का विरोध करना उनके व्यवहार में अन्त तक बना रहा। 9 सितंबर, 1945 को अल्मोड़ा के ज्योली हवालबाग गांव में जन्मे गिरदा का जीवन सदैव संघर्ष एवं कठिनाईयों में बीता। गिर्दा ने 22 अगस्त 2010 को हल्द्वानी में जीवन की अंतिम सांस ली थी। उनको श्रद्धांजली देने वालों में उमेश डोभाल स्मृति ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष बिमल नेगी, सचिव एल.मोहन कोठियाल, कोषाध्यक्ष नेता सुरेन्द्रसिंह रावत, प्रसिद्ध ट्रैकर प्रशान्त नेगी, नागरिक कल्याण मंच के संयोजक रघुवीर सिंह रावत, केदार सिंह गुसाई, सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश बर्थवाल, चित्रकार आशीष नेगी एवं विनय शाह मौजूद थे।।