jashne-hind

नई दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में 21 से 23 फ़रवरी तक 3 दिवसीय जश्ने-हिन्द कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन समाज सेवी मृदुला टंडन की संस्था साक्षी द्वारा आयोजित किया गया। जश्ने-हिन्द कार्यक्रम में संगीत, साहित्य, कला आदि से जुड़ी एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां पेश की गई। जिसमें पंडित बिरजू महाराज, शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी, साबरी ब्रदर्स सरीखी देश की दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की। कार्यक्रम में एक मुशायरे का भी आयोजन किया गया जिसमें चमोली से अभिषेक कुमार अम्बर को भी आमंत्रित किया गया।

गौरतलब है कि अभिषेक कुमार अम्बर अभी 19 वर्ष के हैं। 14 वर्ष की उम्र से लेखन करने लगे थे। और उर्दू शायरी की दुनिया में उभरता नाम हैं। अभिषेक ने हमें बताया कि उनके साथ मुशायरे में साहित्य की दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की जिसमें मंसूर उस्मानी, लक्ष्मीशंकर वाजपेयी तथा इक़बाल अशहर के नाम प्रमुख हैं।

अभिषेक ने बताया कि यह इस मुशायरे में शामिल होने वाले वे सबसे कम उम्र के शायर थे। उन्होंने अपनी प्रसिद्ध ग़ज़ल “वो मुझे आसरा तो क्या देगा, चलता देखेगा तो गिरा देगा” सुनाई तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये और मंचासीन वरिष्ठ साहित्यकारों से भी ख़ूब सराहना मिली।

आपको बताते चलें कि अभिषेक हिन्दी साहित्य के विश्वकोश “कविताकोश” में पिछले दो वर्ष से सहायक संपादक के रूप में कार्यरत हैं और गढ़वाली कविताकोश का संपादन कर रहे हैं। उनके दर्जन भर साझा संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जल्द ही उनका नया ग़ज़ल संग्रह “सौग़ात महब्बत की” नाम से प्रकाशित होने वाला है। डॉ ग़ज़ल श्रीनिवास और संजय वत्सल जैसे गायकों ने उनकी ग़ज़लों को अपनी आवाज़ भी दी है, जो ख़ूब सराही गई हैं।