नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के वेस्ट विनोद नगर स्थित रासविहार रामलीला मैदान (डीडीए पार्क) में कामधेनु रामलीला समिति की ओर में आयोजित रामलीला में आज दूसरे दिन भगवान श्रीराम द्वारा माता अहिल्या का पत्थर की शिला से स्त्री रूप में अवतरण (उद्धार) का मंचन दर्शनीय रहा।
शुक्रवार की रामलीला की शुरुआत में राक्षसों द्वारा वनों में यज्ञ तपस्या कर रहे ऋषि मुनियों की तपस्या व यज्ञ में विध्न बाधा डालकर उनकी तपस्या को भंग करना, तथा राहगीरों के साथ लूट खसोट करने के मंचन से आरंभ हुई। इस दौरान राक्षसों द्वारा अपने आश्रम में साधना और यज्ञ में लीन मुनि विश्वामित्र के यज्ञ को भी भंग किया जाता है। जिससे क्रोधित होकर ऋषि विश्वामित्र अयोध्या के राजा दशरथ के पास सहायता हेतु जाते है। और अपनी रक्षा के लिये वह बालक राम, लक्ष्मण को राजा दशरथ से माँगते है। बड़े व्यथित और दुखी मन से राजा दशरथ, अपने कुल गुरु ऋषि वशिष्ठ के कहने पर, बालक राम और लक्ष्मण को ऋषि विश्वामित्र की रक्षा हेतु उनके साथ भेज देते है।
वनों में बाल स्वरूप राम और लक्ष्मण द्वारा ताड़का, सुबाहु सहित कई भयानक राक्षसों का वध किया जाता है। और राक्षस राज मारीच भयंकर रूप से घायल होकर युद्ध क्षेत्र से भाग कर अपनी जान बचाता है। इस तरह बालक राम-लक्ष्मण द्वारा वनों में राक्षसों के आतंक से ऋषियों को मुक्ति प्रदान करते है।
विश्वामित्र के आश्रम में ही जनकपुरी से राजा जनक का सीता स्वयंवर के लिये निमंत्रण प्राप्त होता है। इस निमंत्रण पत्र के प्राप्त होने पर विश्वामित्र राम – लक्ष्मण सहित जनकपुरी के लिये प्रस्थान करते है। इसी दौरान मार्ग में अपने पति गौतम ऋषि के श्राप से शिला बनी अहिल्या का उद्धार श्रीराम के चरण स्पर्श से होता है। जिससे अहिल्या पुनः स्त्री रूप में परिवर्तित हो जाती है।
आज की लीला में बाल रूप में राम और लक्ष्मण – कार्तिक और शौर्य के अभिनय ने दर्शकों को मोहा। वही ताड़का बने अंकित नाथ के किरदार ने पंडाल में बैठे सभी दर्शकों को रोमांचित और भय से सराबोर भी किया। अहिल्या बनी प्राची, वशिष्ठ बने गणेश पांडे, और विश्वमित्र बने सुमित के अभिनय ने भी दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
अन्य कलाकारों में विशाल उप्रेती, मोहित बलोदी, सुमित मन्दोलिया, संजय रावत, निखिल, प्रदीप, नीरा अनामिका, निकिता, अन्नू, विजय रावत और लक्षिता का अभिनय भी प्रशंसनीय रहा।
इससे पहले गुरुवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बृहस्पतिवार को पटपङगंज विधानसभा क्षेत्र स्थित रास विहार में आयोजित कामधेनु रामलीला के मंचन का शुभारंभ किया। इस मौके पर कामधेनु रामलीला समिति के अध्यक्ष कुलदीप भंडारी ने कहा कि उत्तराखंड के गढ़वाली- कुमाऊंनी की मिश्रित शैली में प्रस्तुत की जाने वाली यह रामलीला में अवधी पुट लिए संस्कृत, उर्दू, फारसी, और वृज युक्त चौपाइयों के मिश्रण के साथ हो रही है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि भगवान राम ने मर्यादा स्थापित की थी कि जब भी कोई लोगों की सेवा करने का प्रयास करेगा, उसे हर हाल में वनवास झेलना पड़ेगा।