करवाचौथ को लेकर दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में जबरदस्त रौनक लौटी है। पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखने वाली महिलायें बाजारों में जाकर जमकर खरीदारी करती नजर आ रही हैं। मेहंदी के अलग-अलग डिजाइन बनवाने के लिए महिलाएं में उत्साह दिखा। पिछले तीन चार दिनों से दिल्ली-एनसीआर के सभी प्रमुख बाजार पूरी तरह से गुलजार हैं। महिलाओं ने चूड़ियां कपड़े, श्रृंगार, पूजा का सामान सहित जमकर खरीदारी की।
आज सुबह से ही बाजारों में भारी भीड़ रही। महिलाओं की अधिकतर भीड़ ज्वेलरी, साड़ियों, चूड़ी व सौंदर्य प्रसाधन वालों की दुकान पर लगी रही। दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें सजाई हुई हैं। महिलाएं करवा चौथ व्रत को लेकर काफी उत्साहित दिखीं। महिलाएं व युवतियां ब्यूटी पार्लर में पहुंच रही हैं। दोपहर के बाद सबसे ज्यादा भीड़ मेहँदी लगवाने की है जो अभी भी जारी है और देर रात तक रहेगी।
सुहागिन महिलाएं मेहंदी लगवाने के लिए पहुंच रही हैं। वहीं करवा चौथ के व्रत में खाई जाने वाली सरगी के पकवान की दुकानें भी लगी हुई हैं। जिसमें मठरी, मीठे पकवान आदि मिल रहे हैं। इसके साथ ही श्रृंगार और सजावट के सामान की दुकानें भी लगी हुई है। करवा चौथ की पूजा में करवा चौथ का कैलेंडर मिट्टी के दिए, मटकी, छलनी, पूजा की थाली, श्रृंगार का सामान आदि का इस्तेमाल होता है जिसके लिए दुकानों पर समान मिल रहा है।
गौरतलब है कि सुहागिन महिलाओं का सबसे बड़ा त्योहार करवा चौथ कल यानी 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा। जिसको लेकर खूब तैयारियां की जा रही हैं। महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी आयु अच्छे स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ देकर अपना व्रत खोलती हैं।
सुहागिन महिलाओं को करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार करना शुभ माना गया है
करवा चौथ का व्रत गुरुवार को रखा जाएगा। करवा चौथ पूजा मुहूर्त शाम 05:54 से 07:09 तक रहेगा। करवा चौथ व्रत समय 06:20 से 08:09 तक रहेगा। करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय समय रात 08:09 का है।
करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र की कामना के लिए किया जाता है ऐसे में करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार अवश्य करें, जैसे कि हाथों में मेहंदी लगाएं और पूरा श्रृंगार करें मान्यता है कि ऐसा करने से चौथ माता प्रसन्न होकर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित संजय शास्त्री के अनुसार करवा चौथ के दिन लाल रंग के कपड़े पहनना बेहद शुभ माना जाता है । जो महिलाएं पहली बार यह व्रत करने जा रही हैं, उन्हें शादी का जोड़ा पहनना चाहिए हालांकि लाल रंग की कोई अन्य कपड़े भी पहने जा सकते है लेकिन भूल कर भी काले, भूरे या सफेद रंग के कपड़े न पहनें। जो महिलाएं पहली बार करवा चौथ का व्रत करती हैं, उनके मायके से बाया भेजा जाता है जिसमें कपड़े, मिठाइयां एवं फल आदि होते हैं ।
शाम की पूजा से पहले बाया हर हाल में पहुंच जाना चाहिए। पूजा, चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद प्रसाद खाएं और अपने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत का पारण करें रात में सिर्फ सात्विक भोजन ही करें। प्याज, लहसुन जैसे तामसिक भोजन के सेवन से परहेज करें। चंद्र पूजन करने का विधान सिर्फ विवाहित महिलाओं के लिए है, इसलिए कुंवारी कन्याएं चंद्रमा का पूजन न करें ।
करवा चौथ के दिन कुंवारी लड़कियों को माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। कुंवारी कन्याएं चंद्रोदय के समय माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने के बाद व्रत का पारण कर सकती हैं। करवा चौथ के दिन कुंवारी कन्याओं को छलनी से चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह परंपरा केवल विवाहित महिलाओं के लिए होती है।
पंडित संजय शास्त्री ने बताया कि रिश्ते में विश्वसनीयता लाने के लिए करवा चौथ के दिन लाल रंग के रेशमी कपड़े में 2 गोमती चक्र और 50 ग्राम पीली सरसों बांध दें फिर एक कागज पर अपने पति का नाम लिखकर उसे भी उस कपड़े में बांध दें और किसी ऐसे गुप्त स्थान पर रख दें जहां कोई देख न पाए ।
इस कपड़े को एक साल बाद करवा चौथ के दिन ही खोलें। दाम्पत्य जीवन में चल रही समस्याओं को दूर करने के लिए करवा चौथ के दिन किसी गाय को अपने हाथों से पांच लड्डू, पांच पेड़े और पांच केले खिलाएं और फिर उसकी पीठ सहलाएं। पति की उम्र और रिश्ते में स्नेह बढ़ाने के लिए करवा चौथ के दिन किसी अकेली जगह जाकर (जहां कोई दूसरा न हो) अपने पति से मांग में सिंदूर भरवाएं।