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नई दिल्ली हिन्दू नववर्ष एवं चैत्र नवरात्रि के पहले दिन दिल्ली/एनसीआर में रह रहे उत्तराखंड के समाजसेवियों द्वारा कुष्ठ रोगियों के प्रति लोगों की सोच बदलने के लिए एक जागरूकता अभियान कुष्ठ रोग है अभिशाप नहीं” चलाया गया। जिसमें दिल्ली हाईकार्ट के अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा एवं उनकी टीम के सदस्यों ने नई सोच, नई पहल के तहत दिल्ली के ताहिरपुर इलाके में कुष्ठ रोगियों बीच जाकर उन्हें दवाईयां वितरित की, उन्हें भोजन करवाया तथा उनके साथ समय बिताया। समाजसेवी टीम के सदस्यों ने बताया कि समाज से त्रिस्कृत इन लोगों को दिन का भोजन करवाने व उनके दिल की पीड़ा सुनकर लगा जैसे समाज के साथ-साथ उनके परिवार ने भी उन्हें अलग कर दिया है।

हम सभी को समाज मे जागरूकता लाने की बहुत जरूरत है। हमे रोग को दूर करना चाहिए न कि इंसान को। आज जब हम लोगो ने उनके बीच समय बिताया तो मन को बहुत कष्ट भी हुआ और आश्चर्य भी हुआ कि हम कैसे समाज मे रहते है। अगर किसी को कुष्ठ रोग हो जाये तो क्या उसे समाज से अलग कर देना चाहिए? नही ये भी हमारे समाज का एक हिसा हैं इनको भी समाज मे और घर मे जगह मिलनी चाहिए। न कि इनको समाज से अलग करके आश्रमो में अपनी जिंदगी को बोझ बनकर जीने के लिये मजबूर न किया जाए। हम सभी को इस रोग से कैसे निरोग हो उसके उपाय ढूढ़ने चाहिए। और समाज को भी जागरूक करना चाहिए। ये रोग न तो छूने से फैलता है ओर न साथ मे रहने से। ये संदेश समाज के हर घर तक पहुचना होगा। तभी समाज मे बदलाव आएगा। तो आओ हम सभी नई सोच के साथ नई पहल करे। और समाज को स्वछ ओर सुंदर बनायें। आओ मिलकर उनको समाज में दुबारा समलित करने के लिये नई सोच, नई पहल का सहयोग व साथ देकर उन्हें दुबारा सम्मान की जिंदगी जीने का अवसर दिलाने का प्रयास करें।

“कुष्ठ रोग है अभिशाप नही” जागरूकता अभियान में संजय शर्मा दरमोडा, प्रतिभा शर्मा, गीता चन्दोला, नरेंद्र बिष्ट, प्रभा बिष्ट, सुरेन्द्र रावत (सुरू भैजी), प्रदीप वेदवाल, जोगिंदर डोगरा, नेगी जी, मंजु भदोला, बबीता नेगी, संजय चौहान आदि समाजसेवियों ने भाग लिया।

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