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नई दिल्ली: देश के विभिन्न राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आये दिन आन्दोलन कर रहे सरकारी कर्मचारियों में दिल्ली की केजरीवाल सरकार की आज की घोषणा से एक उम्मीद जग गई है। सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि दिल्ली सरकार अपने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना बहाल करेगी तथा अन्य राज्यों के अपने समकक्षों को ऐसा करने के लिए पत्र भी लिखेंगे। केजरीवाल ने  कहा कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए विधानसभा के विशेष सत्र में प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

सोमवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में “अखिल शिक्षक कर्मचारी कल्याण संघ” (ATEWA) द्वारा आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि इसको फिर केंद्र के पास मंजूरी के लिया भेजा जाएगा। मैं इसे लागू कराने के लिए केंद्र से लडूंगा। उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के अपने समकक्षों से इस संबंध में बात करेंगे। आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों में देश की सरकार बदलने की ताकत है। मैं केंद्र सरकार को आगाह करना चाहता हूं कि अगर कर्मचारियों की मांग तीन महीने के अंदर पूरी नहीं की गई, तो वर्ष 2019 में कयामत आएगी।

रैली के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री का ‘देश का नेता कैसा हो, केजरीवाल जैसा हो’ नारे से स्वागत किया गया। केजरीवाल ने नई पेंशन योजना को सरकारी कर्मचारियों के साथ ‘विासघात और धोखाधड़ी’ बताया। उन्होंने कहा कि मैं मोदी जी से कहना चाहूंगा कि आप सरकारी कर्मचारियों को हताश कर राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘आप’ सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा एवं जल आपूर्ति के क्षेत्रों में इन कर्मचारियों के सहयोग से ही काम कर पाई है। वर्ष 2004 में केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना पेश की थी। इसके तहत, कर्मचारियों का भी उतना ही योगदान होता है, जितना योगदान उनके नियोक्ता करते हैं। कोष का फिर विभिन्न निवेश योजनाओं में उपयोग किया जाता है।