आज योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को उस समय बड़ा झटका लगा जब योगी सरकार द्वारा, ग्रेटर नोएडा में पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क के लिए दी गई जमीन को रद्द कर दिया गया। इससे आहत पतंजलि ने अपने प्रस्तावित फूड और हर्बल पार्क को ग्रेटर नोएडा ही नहीं बल्कि यूपी से ही शिफ्ट करने का फैसला ले लिया। पतंजलि आयुर्वेद के को-फाउंडर और एमडी आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट करके कहा है, ‘आज ग्रेटर नोएडा में केन्द्रीय सरकार से स्वीकृत मेगा फूड पार्क को निरस्त करने की सूचना मिली श्रीराम व कृष्ण की पवित्र भूमि के किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का संकल्प प्रांतीय सरकार की उदासीनता के चलते अधूरा ही रह गया। पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया’ है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा, ‘प्रदेश सरकार के निराशाजनक रवैये को देखते हुए हम उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित फूड पार्क को शिफ्ट कर रहे हैं। इससे राज्य के किसानों की स्थिति में कोई सुधार नहीं होने वाला है। इस फैसले से उत्तर प्रदेश के करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीदें भी खत्म हो गईं। पतंजलि के इस निर्णय के बाद यूपी सरकार बैकफुट पर नजर आई और सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाबा रामदेव से इस बारे में फोन पर बात की है। सूत्रों के मुताबिक, योगी ने बाबा रामदेव को आश्वासन दिया है कि पतंजलि फूड पार्क यूपी से बाहर नहीं जाएगा। इस मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा।
बता दें कि इस परियोजना की लागत 1666.80 करोड़ रुपये थी। ये फूड पार्क 455 एकड़ में बनना था। बाबा रामदेव के मुताबिक, इस फूड पार्क से 8000 से अधिक लोगों को सीधा रोजगार और 80 हजार लोगों को परोक्ष रोजगार मिलता। अखिलेश यादव ने 30 नवंबर 2016 को मुख्यमंत्री रहते हुए इस फूड पार्क की आधारशिला रखी थी। तब अखिलेश यादव ने कहा था कि समाजवादियों ने पतंजली फूड और हर्बल पार्क का शिलान्यास कर बड़ा काम किया है. बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने एक अच्छी पहल की, जिसका सरकार ने साथ दिया. फूड पार्क का काम भी काफी तेजी से होगा और इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिलेगी।