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Atishi Marlena Delhi New CM: दिल्ली को आज एक और नया मुख्यमंत्री मिल गया है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी मर्लेना को चुन लिया है। मंगलवार को निवर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम पर सभी आप नेताओं ने मुहर लगाई। इसके साथ ही आतिशी बतौर सीएम दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। उनके पहले पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित इस पद पर रह चुकी हैं। 43 साल की आतिशी कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक हैं और मौजूदा समय में उनके पास कुल शिक्षा एवं वित्त समेत कुल 13 मंत्रालय हैं। आतिशी को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का भरोसेमंद माना जाता है।

कौन हैं आतिशी

दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लेना आम आदमी पार्टी की सीनियर नेताओं में से एक मानी जाती हैं। आतिशी एक होनहार स्टूडेंट, बेहतरीन टीचर होने के साथ ही शैक्षणिक योग्यता में भी अव्वल हैं। आतिशी पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखती है। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई दिल्ली में हुई है। और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं। वह शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए जानी जाती हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुधार का सबसे बड़ा श्रेय आतिशी को दिया जाता है। वह आप की राजनीति मामलों की समिति की सदस्य भी हैं। आतिशी ने सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। आतिशी फिलहाल दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उनके पास दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री के रूप में काम कर रही हैं। आतिशी आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। 2013 में आम आदमी पार्टी ने जब सबसे पहले मेनिफेस्टो ड्राफ्ट जारी किया था, तो उसमें आतिशी को भी जगह दी गई थी।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ था। उनके माता-पिता, विजय सिंह और त्रिप्ता वाही, दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। आतिशी की शुरुआती पढ़ाई नई दिल्ली के पूसा रोड स्थित स्प्रिंगडेल्स स्कूल में हुई है। इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से की और साल 2001 में ग्रेजुएशन और मास्टर्स की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने चिवनिंग स्कॉलरशिप पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और मास्टर्स की दूसरी डिग्री हासिल की।

आतिशी के पति कौन हैं और क्या करते हैं?

आतिशी सिंह के पति का नाम प्रवीण सिंह है। प्रवीण काफी पढ़े लिखे और सुलझे हुए शख्स हैं, जो लाइमलाइट से दूर रहकर काम करते रहे हैं। प्रवीण सिंह ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नॉलॉजी (IIT) दिल्ली और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) अहमदाबाद से पढ़ाई की है। हालांकि अपनी इस पढ़ाई के बाद वह अगर चाहते तो आराम से कहीं बहुत मोटी पैसे वाली नौकरी कर रहे होते या कहीं किसी कारपोरेट में बॉस बनकर बैठे होते लेकिन उन्होंने ये सब छोड़कर गांव में काम करना पसंद किया। आतिशी को तो आम आदमी पार्टी की ओर से सियासत में आए कई साल हो गए लेकिन इन सालों में भी उनके पति प्रवीण सिंह कभी सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आए। प्रवीण इतना ज्यादा लो-प्रोफाइल रहते हैं कि उनकी एक भी तस्वीर आपको सोशल मीडिया पर नहीं मिलेगी। हालांकि कुछ साल पहले योगेंद्र यादव ने एक ट्वीट करके प्रवीण सिंह की तारीफ की थी। उन्होंने तब लिखा था – वह आतिशी के हसबैंड को अच्छी तरह जानते हैं। वह भी शानदार काम कर रहे हैं।

आतिशी और प्रवीण जब 2007 से लेकर 2012 तक गांव में कम्यून बनाकर काम कर रहे थे तब उन्होंने आर्गनिक फॉर्मिंग और कम्युनिटी लिविंग पर शिक्षा के अलावा काम किया। गांवों में अपने शैक्षिक अभियान में उन्होंने इन दोनों चीजों को जोड़ा। आतिशी और प्रवीण सिंह की शादी कुछ साल पहले हुई। इसके बाद ही उन्होंने पति के सरनेम को अपने नाम आतिशी मर्लेना के साथ जोड़ा। प्रवीण सिख राजपूत हैं वे हमेशा मानवता और मूल्यों पर जोर देते रहे हैं।

आतिशी को ही क्यों चुना नया सीएम?

आतिशी मारलेना अरविंद केजरीवाल की बहुत विश्वसनीय सहयोगी मानी जाती हैं। वे दिल्ली सरकार में इस समय भी वित्त मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय सहित छह प्रमुख मंत्रालय संभाल रही हैं। आतिशी का प्रशासनिक अनुभव, मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि, दिल्ली सरकार की योजनाओं को आकार देने में अहम भूमिका और एक महिला होने के कारण उनका नाम अन्य सभी दावेदारों पर भारी पड़ा। सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोपाल राय ने विधायकों की बैठक के बाद इसका ऐलान किया कि अगले विधानसभा चुनाव के बाद नया मुख्यमंत्री चुने जाने तक वे इस पद पर रहेंगी।

जब से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का एलान किया था, तभी से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि आतिशी को अरविंद केजरीवाल अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी बना सकते हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद आतिशी ने ही सरकार की प्रमुख जिम्मेदारियों की कमान संभाली थी। भाजपा के राजनीतिक हमलों का जवाब देने में भी उनकी भूमिका सबसे आगे रहती है।

माना जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव में महिलाओं के मुद्दे पर केजरीवाल को घेर सकती है। लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार में एक महिला के आगे रहने पर भाजपा के लिए आतिशी पर हमला करना आसान नहीं होगा। आतिशी महिलाओं के लिए योजनाओं को आगे रखकर भाजपा के हमलों को नाकाम करने में सबसे अहम भूमिका निभा सकती हैं।

इसके अलावा बिहार में जीतन राम मांझी और झारखंड में चंपई सोरेन के अनुभव को देखते हुए आम आदमी पार्टी किसी ऐसे चेहरे को ही कमान सौंपना चाहती होगी जो बाद में बगावत न करे और अरविंद केजरीवाल की सत्ता को चुनौती ना दे। जिस तरह से अतिशी की अरविंद केजरीवाल से वैचारिक साम्यता रही है,  उस देखते हुए पार्टी नेता मानते हैं कि वे केजरीवाल की एक मजबूत साथी साबित हो सकती हैं। उनके नेतृत्व में कभी पार्टी खंडित नहीं होगी, पार्टी को इस बात का भी भरोसा है।

कैसा रहा राजनीतिक करियर

आतिशी ने 2012 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान राजनीति में कदम रखा और आम आदमी पार्टी की नींव रखने वाले लोगों में शामिल रहीं। पार्टी को आज इस मुकाम तक पहुंचाने में आतिशी का बड़ा योगदान है। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं। 2020 में उन्होंने कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता और विधायक बनीं। इसके बाद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद वे शिक्षा मंत्री बन गईं। शिक्षा मंत्री बनने के बाद आतिशी ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। उन्होंने मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में भी काम किया और शिक्षा नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आतिशी वर्तमान में दिल्ली सरकार में शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।