ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण ने यमुना एक्सप्रेस वे क्षेत्र में बढ़ती आबादी तथा औद्योगिक इकाईयों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए प्रयाप्त बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है. यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण 200 केवीए के तीन व 33 केवीए के 17 विद्युत सब स्टेशन बनायेगा। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अगले पांच साल में एक हजार मेगावाट बिजली की जरूरत होगी। इसमें जेवर एयरपोर्ट शामिल नहीं है। इसी सिलसिले में सोमवार को यूपी पॉवर कारपोरेशन तथा यूपी पॉवर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के सीएमडी तथा अन्य अधिकारियों के बीच बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता मेरठ मंडल के आयुक्त डा. प्रभात कुमार ने की। विद्युत आपूर्ति तथा अन्य विद्युत सब स्टेशन के निर्माण आदि के लिए दो दिन के अंदर एमओयू पर हस्ताक्षर हो जाएंगे। विद्युत पॉवर कारपोरेशन ही विद्युत सब स्टेशन को चलायेगा। टाइटल का स्वामित्व उसे ही सौंप दिया गया है। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में दर्जनों ग्रुप हाउसिंग, इंडस्ट्री तथा आवासीय भूखण्ड हैं। क्षेत्र में धीरे-धीरे आबादी बढ़ती जा रही है। एक रिपोर्ट के आधार पर अगले पांच साल में प्राधिकरण क्षेत्र में करीब एक हजार मेगावाट की बिजली की जरूरत होगी। इसके लिए प्राधिकरण ने मास्टर प्लॉन में 220 केवीए के तीन तथा 33 केवीए के 17 विद्युत सब स्टेशन बनाना तय किया है। फिलहाल सेक्टर 18 व 24 में 220 केवीए के विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। 33 केवीए के विद्युत सब स्टेशन सेक्टर 17ए, 18, 20, 22 ए व 22 डी में बनेंगे। प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि अगले पांच साल में प्राधिकरण क्षेत्र में आबादी बढ़ने लगेगी। लिहाजा प्राधिकरण ने पहले से ही विद्युत आपूर्ति के इंतजाम कर दिये हैं। आवासीय तथा औद्योगिक सेक्टरों में बिजली आपूर्ति की किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं होगी।