ग्रेटर नोएडा : यमुना एक्सप्रेसवे पर सड़क सुरक्षा को लेकर आईआईटी दिल्ली के द्वारा दिए गए सुझावों पर जेपी इंफाट्रेक ने अब तक क्या किया इसका स्थलीय निरीक्षण करने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ जीरो प्वाइंट ग्रेटर नोएडा से लेकर आगरा तक 165 किलोमीटर सड़क का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान खामियां मिलने पर सीईओ द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए, ताकि लोग सुरक्षित यात्रा कर सकें। ज्ञात हो कि करीब दो माह पूर्व आगरा के पास हुए भीषण बस हादसा हुआ था। इसके बाद रोड सेफ्टी के संबंध में ऑडिट कराया गया था। सुरक्षित सफर को लेकर आईआईटी दिल्ली द्वारा महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए थे।
सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने जीरो प्वाइंट पर दोनों तरफ रम्बल स्ट्रिप लगाने के साथ दुर्घटना बहुल क्षेत्र का बोर्ड लगाने का निर्देश दिया है। दरअसल जीरो प्वाइंट पर आए दिन हादसे होते रहते हैं। निरीक्षण में कैट आई नहीं पाई गई, इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सीईओ ने आगामी 15 दिनों में लगाने के निर्देश दिए। आईआईटी दिल्ली के सुझाव के संबंध में प्रारंभ में एग्जिट एंट्री रैंप, इंटरचेंज लूप, टोल प्लाजा, एक्सप्रेसवे के लीनियर सेक्शन और आरटीसी डाटा के संबंध में कार्यवाही की जानी है। इस पर 28.42 करोड़ रूपये का खर्च आएगा। आईआईटी के सुझावों पर जेपी इंफाट्रेक ने काम करना शुरु कर दिया है। स्थनीय निरीक्षण में पाया गया कि अभी तक जीरो प्वाइंट से 38 किलोमीटर तक ही पड़ने वाले पुलों पर (मीडियन पर) क्रैश बैरियर लगाया गया है, तथा आगरा की तरफ से पड़ने वाले कुछ पुलों पर लगाया गया है। इस दौरान जेपी इंफाट्रेक के अधिकारी अजित कुमार ने अधिकारियों को अवगत कराया कि पुलों पर क्रैश वैरियर लगाने का कार्य चल रहा है, जिसे माह के अंत तक पूर्ण कर लिया जाएगा। सीईओ ने निर्देश दिया कि दो टोल प्लाजा के बीच स्पीड के आधार पर ओवर स्पीड करने वालों के ऑटोमेटिक चालान काटने के लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव किया जाए। गत तीन माह में ओवर स्पीड के 5400 मामलों में भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। एक्सप्रेसवे पर नॉन फंक्शनल 6 सीसीटीवी कैमरे, 9 वीडियो इंसिडेंट डिटेक्शन, 15 ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर स्पीड कैमरा, 164 इमरजेंसी कॉल बॉक्सेस, 1 क्रेन और 3 नाइट्रोजन गैस फिलिंग स्टेशन को फंक्शनल करने के निर्देश दिए गए। साथ ही रम्बल स्ट्रिप का मरम्मत और अन्य आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। सीईओ के साथ निरीक्षण करने वाली टीम में ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, महाप्रबंधक परियोजना केके सिंह, उप महाप्रबंधक एके अरोड़ा, स्टॉफ अफसर नन्दकिशोर सुंदरियाल आदि अधिकारी शामिल रहे।