उत्तराखंड के विद्यालयों में रिक्त पड़े 4000 पदों पर शिक्षकों की जल्द होगी भर्ती

देहरादून: उत्तराखंड में बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए खुशखबरी है। अब बीएड प्रशिक्षित भी बेसिक शिक्षक के पद के लिए आवेदन कर सकेंगे। शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए सरकारी स्कूलोँ में बेसिक शिक्षक बनने का रास्ता खुल गया है। हालांकि कि नियुक्ति होने के बाद बीएड प्रशिक्षितों को छह माह का ब्रिज कोर्स भी अनिवार्य रूप से करना होगा। यह ब्रिज कोर्स प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाई करने के तरीकों का प्रशिक्षण देगा। वहीं प्राथमिक शिक्षकों को राहत देते हुए उनके लिए ब्लॉक के स्थान पर जिला कैडर लागू किया गया है। इससे प्राथमिक शिक्षकों को दुर्गम ब्लॉकों से जिले के सुगम क्षेत्रों में स्थानांतरित किए जाने में दिक्कतें पेश नहीं आएंगी। यह सब उत्तराखंड राज्य प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली, 2012 में पांचवें संशोधन के जरिये मुमकिन होने जा रहा है। मंत्रिमंडल ने नियमावली में इस संशोधन को शुक्रवार को मंजूरी दी।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में 18 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। जिनमे से 16 पर मुहर लगाई गई। जबकि एक मामले को स्थगित किया गया। वहीं, एक मामले को अन्य विभाग में स्थानांतरित किया गया। कैबिनेट बैठक में हुए फैसलों के बारे ने जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन केंद्र की गाइडलाइन के बाद किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने करीब छह माह पहले बीएड प्रशिक्षितों के लिए भी प्राथमिक शिक्षक बनने के बंद दरवाजे खोले थे। हालांकि, प्राथमिक शिक्षक बनने पर बीएड प्रशिक्षितों को छह माह का ब्रिज कोर्स भी अनिवार्य रूप से करना होगा। नियमावली में प्राथमिक शिक्षक की अर्हता में स्नातक के साथ दो वर्षीय डिप्लोमा के साथ ही विकल्प के तौर पर 50% अंकों के साथ स्नातक व बीएड को जोड़ा गया है। इस व्यवस्था से बीएड प्रशिक्षितों को प्राथमिक शिक्षक के तौर पर दोबारा रोजगार मिल सकेगा। नियमावली में संशोधन के जरिये टीईटी-प्रथम में टीईटी की मेरिट सूची के आधार पर अभ्यर्थियों को नियुक्ति में वरीयता मिलेगी। इससे पहले श्रेष्ठता के स्थान पर वर्षवार टीईटी को प्राथमिकता दी जा रही थी।

नियमावली में अन्य महत्वपूर्ण संशोधन के जरिये प्राथमिक शिक्षकों के ब्लॉक कैडर को जिला कैडर में परिवर्तित किया गया है। इन शिक्षकों का नियोक्ता अब खंड शिक्षा अधिकारी के स्थान पर जिला शिक्षा अधिकारी-प्रारंभिक शिक्षा होगा। इस व्यवस्था से प्राथमिक शिक्षकों का तबादला अब जिले के भीतर किसी भी क्षेत्र में आसानी से हो सकेगा। खासतौर पर दुर्गम में कम होती छात्रसंख्या के चलते वहां विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षकों की संख्या अधिक हो गई है। वहीं सुगम क्षेत्रों के विद्यालयों में छात्रसंख्या अधिक होने के बावजूद शिक्षकों की कमी बनी हुई है। इस संशोधन के साथ यह समस्या दूर होने की उम्मीद है।

उत्तराखंड के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों को एक जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान मिलेगा। करीब 2000 शिक्षकों को इसका मिलेगा लाभ मिलेगा।

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