BTC teachers of Uttarakhand

देहरादून: उत्तराखंड के 16 हजार 608 विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के वर्ष 2001 से 2018 की अवधि के विशिष्ट बीटीसी कोर्स को मान्यता दे दी है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से इसकी अधिसूचना जारी की गई है।

बतादें कि उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने वर्ष 2001 से 2016 के बीच राज्य के 16,608 शिक्षकों को डायट से विशिष्ट बीटीसी का 6 महीने का कोर्स कराया था। कोर्स पूरा करने के बाद इन शिक्षकों को डायट से विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र भी दिया गया था। परन्तु एससीईआरटी द्वारा विशिष्ट बीटीसी कोर्स के लिए एनसीटीई से मान्यता नहीं ली गई। और एनसीटीई के नए मानक के अनुसार 31 मार्च 2019 तक ऐसे सभी शिक्षक अप्रशिक्षित शिक्षक की श्रेणी में आ गए थे। नियमानुसार उनकी सेवाएं समाप्त की जा सकती थी। वहीं इनके प्रमोशन भी इससे प्रभावित हो रहे थे।

गत वर्ष जनवरी में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की पहल पर राज्यसभा में एनसीटीई एक्ट तो जरूर संशोधित हो गया था, लेकिन उसके बाद मान्यता की अधिसूचना फाइलों में अटकी थी। परन्तु आज केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई। जिसके अनुसार ये शिक्षक अब जहां प्रशिक्षित कहलाएंगे। वहीं इनके प्रमोशन का रास्ता भी साफ हो गया है।

उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने ट्वीट कर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आज हम सभी के अथक प्रयासों के फल स्वरूप विशिष्ट बीटीसी से सम्बंधित प्रकरण का निस्तारण हो गया है। मेरे सभी शिक्षक भाई-बहनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। प्रदेश सरकार आप सभी के हितों की रक्षा हेतु कृत संकल्पित है। वहीँ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर कहा कि HRDMinistry ने 23 केंद्र और राज्य सरकार के शिक्षक शिक्षण संस्थानों को पूर्व व्यापी मान्यता प्रदान करते हुए आज एक अधिसूचना जारी की है। इस संदर्भ में उत्तराखंड सरकार के लगभग 16000 से अधिक शिक्षक जिन्होंने “Special BTC Bridge Course” 2001-2018 के मध्य किया है, लाभान्वित होंगे।