पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखण्ड में कई सरकारी प्राथमिक विद्यालय प्रॉक्सी शिक्षकों (दिहाड़ी मास्टर) के भरोसे चल रहे हैं। अक्सर सुनने में आता है कि दुर्गम क्षेत्रो के सरकारी प्राथमिक स्कूलों से अध्यापक गायब हो जाते हैं और अपनी जगह किसी और को दिहाड़ी पर पढ़ाने की ज़िम्मेदारी सौंप जाते हैं। इस तरह बच्चों को किराए के अध्यापकों के भरोसे छोड़कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत थलीसैंण विकासखण्ड के पल्ली राजकीय प्राथमिक विद्यालय का सामने आया है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय पल्ली में प्रधानाध्यापक ने अपने स्थान पर गांव की एक लड़की को पन्द्रह सौ रुपये महीने की पगार पर पढ़ाने के लिए नियुक्त किया हुआ था। जबकि प्रधानाध्यापक स्वयं लंबे समय से विद्यालय से गायब है। एडी बेसिक ने जब विद्यालय में छापा मारा तो यह सच सामने आया। आरोपित प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया गया है।
सोमवार को थलीसैंण विकासखण्ड के पल्ली राजकीय प्राथमिक विद्यालय में अपर निदेशक प्राथमिक शिक्षा एसपी खाली औचक निरीक्षण पर पहुंचे। विद्यालय प्रधानाध्यापक अशोक कुमार विद्यालय से गायब पाये गए। जबकि विद्यालय में एक लड़की बच्चों को पढ़ाती हुई मिली। बताया गया कि इस लड़की को पन्द्रह सौ रुपये महीने की पगार पर प्रधानाध्यापक ने अपने बदले पढ़ाने का जिम्मा दिया हुआ है। वे स्वयं विद्यालय से लंबे समय से गायब हैं। विद्यालय में अध्ययनरत 47 छात्रों पर प्रधानाध्यापक समेत तीन शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। विद्यालय में एक सहायक अध्यापक उपस्थित मिले जबकि दूसरा अध्यापक विभागीय कार्य से बाहर गया हुआ बताया गया। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा एसपी खाली ने प्रधानाध्यापक अशोक कुमार को निलंबित करने के साथ ही विद्यालय से अनुपस्थित सहायक अध्यापक की जांच के निर्देश दिए हैं। इसी तरह के मामले उत्तराखण्ड के अलावा अन्य राज्यों में भी चल रहे है। जिन पर सख्त कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता है। हालांकि सरकार ने स्कूल के कार्यालय में सभी शिक्षको के फोटो और अन्य डिटेल लगाने की व्यवस्था पहले से ही कर रखी है ताकि औचक निरीक्षण करने गए अधिकारी शिक्षको की पहचान कर सकें। परन्तु बावजूद इसके आये दिन इस तरह के मामले सुनने में आ रहे हैं।