वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के चलते लम्बे देशभर में समय तक स्कूल बंद रहे। जिसके चलते बच्चों को पढ़ाई का काफी नुकसान उठाना पड़ा। हालाँकि बड़े शहरों या मैदानी क्षेत्रों में कुछ समय बाद ही ऑनलाइन माध्यम पढ़ाई शुरू हो गई थी। परन्तु पहाड़ी क्षेत्रों खासकर दूर-दराज के गांवों में जहाँ ज्यादातर समय नेटवर्क (इन्टरनेट कनेक्टिविटी) की समस्या बनी रहती है वहाँ के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसके अलावा पहाड़ों में कई ऐसे विद्यालय हैं जहाँ आज भी पूरे विषयों खासकर गणित के अध्यापकों की कमी है. उन स्कूलों के बच्चे भी ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह रहे थे।
जिसके बाद शिक्षकों ने नए-नए तरीकों से बच्चों को पढ़ाने के प्रयास जारी रखे। ऐसा ही एक बेहतरीन प्रयास टिहरी जनपद के देवप्रयाग ब्लॉक स्थित राजकीय इंटर कॉलेज हिंसरियाखाल के गणित प्रवक्ता डा. हर्षमणि पाण्डेय ने किया। डॉ. पाण्डेय ने लॉकडाउन में कक्षा 11वीं और 12वीं के गणित के छात्रों के लिए मैथमेटिक प्लेजर (MATHEMATICS PLEASURE) नाम से एक यूटयूब चैनल बनाया। उन्होंने अपने इस यूटयूब चैनल पर आसान विधि से कक्षा 11वीं और 12वीं के गणित से सवाल हलकर (Solve) कर अपलोड करना शुरू किया और छात्र-छात्राओं को अपने इस यूटयूब चैनल का लिंक भेजना शुरू कर दिया। जिसके बाद बच्चे अपने इन्टरनेट नेटवर्क की उपलब्धता के हिसाब से इस लिंक के माध्यम से पढ़ाई करने लगे। और धीरे-धीरे MATHEMATICS PLEASURE नाम का यूटयूब चैनल छात्र-छात्राओं के बीच काफी लोकप्रिय होने लगा है।
डॉ. पाण्डेय ने देवभूमिसंवाद.कॉम न्यूज़ पोर्टल को बताया कि उन्होंने कक्षा 11वीं और 12वीं के गणित विषय के संपूर्ण पाठ्यक्रम के प्रश्नों के करीब 460 वीडियो बनाकर अपलोड कर दिये हैं। जिससे कि बच्चे अपने इन्टरनेट नेटवर्क की उपलब्धता के हिसाब से इस लिंक के माध्यम से पढ़ाई कर सकें। उन्होंने बताया कि पहाड़ में कई ऐसे विद्यालय हैं जहाँ आज भी गणित के अध्यापक नहीं हैं। ऐसे में उन विद्यालयों के बच्चों के लिए MATHEMATICS PLEASURE यूटयूब चैनल बेहद उपयोगी साबित हो रहा है। यूट्यूब चैनल देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
MATHEMATICS PLEASURE यूटयूब चैनल
डॉ. पाण्डेय ने कहा कि मेरा सोचना है कि कक्षा-11 गणित और कक्षा-12 गणित का सम्पूर्ण पाठ्यक्रम एक ही जगह उपलब्ध करा दूँ। पूरा पाठ्यक्रम एक जगह उपलब्ध होने पर छात्र-छात्राओं को ट्यूशन जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी इससे उनका धन तथा समय की बचत होगी। गाँव या शहर में निवास करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिल रहा है। उत्तराखंड बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड के छात्र-छात्रायें इसका लाभ ले रहे हैं।