श्रीनगर गढ़वाल: पिछले महीने 900 छात्रों के संस्थान छोड़कर घर चले जाने के दबाव में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (एनआईटी) उत्तराखंड ने अस्थायी कैंपस के लिए पहाड़ के बजाय मैदानी क्षेत्र में वैकल्पिक स्थान तलाश लिया है। इसके लिए एनआईटी संस्थान ने ऋषिकेश में किसी शिक्षण संस्थान को चिह्नित किया है। बीते 23 अक्तूबर को छात्रों के अचानक हॉस्टल छोड़कर अपने घरों को चले जाने के चलते एनआईटी संस्थान को श्रीनगर से अन्यत्र शिफ्ट करने चर्चाएं जोरो पर थी। अब जानकारी मिल रही है कि एर्नआटी प्रशासन द्वारा गठित एक कमेटी ने ऋषिकेष में छात्रों को पढ़ने के लिए वैकल्पिक जगह की तलाश कर ली है।
हालांकि एनआईटी प्रशासन इस बात को खोलने के लिए तैयार नहीं है कि ऋषिकेष में किस जगह छात्रों को पढ़ने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनायी जा रही है। सूत्रों की माने तो एनआईटी प्रशासन ने आईडीपीएल में जगह तलाश की है। उत्तराखंड का एकमात्र एनआईटी श्रीनगर में आईटीआई व पॉलिटेक्निक के भवनों में अस्थायी तौर पर संचालित हो रही है। एनआईटी उत्तराखंड में पीएचडी, एमटेक व बीटेक के करीब 900 से ज्यादा छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। स्थायी कैंपस का निर्माण होने तक सुविधाजनक स्थान में अस्थायी कैंपस शिफ्टिंग और सुविधाओं की मांग को लेकर एनआईटी के छात्र पिछले एक महीने से आंदोलन पर हैं।
कुछ समय पहले एनआईटी के सभी छात्र अपनी इस मांग को लेकर कैंपस छोड़कर अपने घरों को चले गये थे। एनआईटी के जनसंपर्क अधिकारी जगदीप कुमार का कहना है कि एनआईटी प्रशासन की ओर से एक कमिटी का गठन किया गया था। जिसने विकल्प के तौर पर ऋषिकेष में छात्रों को पढ़ने के लिए जगह देखी है। अभी इस पर कमेटी की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
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