UPSC Kalpana Pandey Kanchan Mudra Gairola

UPSC CSE 2022 Result: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणाम जारी कर दिए हैं। सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 933 उम्मीदवारों ने सफलता प्राप्त की। इस परीक्षा में पहले 4 स्थान पर देश की बेटियां ही रही, जबकि टॉप 10 की बात करें तो कुल 6 लड़कियां टॉप 10 में रही। इशिता किशोर ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में टॉप किया है।

सिविल सेवा परीक्षा 2022 का परिणाम आने के बाद आईएएस के पद पर चयन के लिए 180 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। जिसमे उत्तराखंड वासियों के लिए भी अच्छी खबर है। इस परीक्षा में प्रदेश की एक नहीं बल्कि 4 बेटियों ने सफलता हासिल की है। जिनमे रुद्रपुर की गरिमा, बागेश्वर की कल्पना पांडे, चमोली की मूल निवासी मुद्रा गैरोला और रुद्रप्रयाग जखोली की कंचन डिमरी शामिल हैं।

रुद्रपुर की गरिमा ने 39वी रैंक की हासिल

रुद्रपुर की ईश्वर कॉलोनी निवासी गरिमा ने पहले ही प्रयास में आईएएस की परीक्षा में 39 वी रैंक प्राप्त कर आईएएस के लिए क्वालीफाई कर लिया है। इनके पिता बिपिन नरूला एक पैथोलॉजी लैब में प्रबंधक हैं व माता शारदा नरूला गृहणी हैं। गरिमा ने वर्ष 2017 में सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में उधम सिंह नगर जिला टॉप भी किया था।

चमोली की मुद्रा गैरोला का IAS के लिए हुआ चयन

चमोली जिले के अंतर्गत कर्णप्रयाग तहसील के ग्राम बांगड़ी की मूल निवासी मुद्रा गैरोला का IAS के लिए हुआ चयन हुआ है। मुद्रा ने यूपीएससी की परीक्षा में 53वीं रैंक हासिल कर जिले और प्रदेश का मान बढ़ाया है। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है, जिलेभर मे जश्न का माहौल है। मुद्रा गैरोला कर्णप्रयाग तहसील के सिमली क्षेत्र में स्थित बांगडी गांव की रहने वाली हैं। वर्तमान में उनका परिवार दिल्ली में रहता है। मुद्रा हमेशा से आईएएस बनने का सपना देखा करती थीं, और इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने खूब मेहनत की। मुद्रा ने इससे पहले गत वर्ष भी UPSC नतीजों में सफलता हासिल की थी। उन्हें 163 रैंक हासिल हुई थी। उनका चयन आईपीएस में हुआ था। उन्होंने आईपीएस की ट्रेनिंग के साथ ही एक बार फिर प्रयास किया और अब उन्हें 53वीं रैंक हासिल हुई है। इसी के साथ उनका आईएएस बनने का सपना भी साकार हो गया है।

हल्द्वानी की दीक्षिता बनी आईएएस अधिकारी

बिना कोचिंग लिए तीसरे प्रयास में हल्द्वानी पीलीकोठी निवासी दीक्षिता जोशी ने यूपीएससी परीक्षा में 58वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनकर देशभर में प्रदेश और जिले का मान बढ़ाने का काम किया है। दीक्षिता की माता दीपा जोशी पहाड़पानी के खीमराम आर्य राजकीय इंटर कॉलेज में हिंदी विषय की प्रवक्ता है और पिता आईके पांडे नैनीताल बीडी पांडे अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर तैनात हैं।

बागेश्वर की कल्पना पांडे का IAS के लिए हुआ चयन

बागेश्वर जनपद के गरुड़ निवासी कल्पना पांडे की 102 रैंक आई है। कल्पना की इस उपलब्धि से पूरे जिले में खुशी की लहर है। कल्पना तीन बहनों में सबसे छोटी है। कल्पना के पिता रमेश चंद्र पांडे गरुड़ बाजार में एक दुकान चलाते हैं, जबकि माता मंजू पांडे सीएचसी बैजनाथ में एएनएम हैं। कल्पना ने कक्षा 10वीं तक की शिक्षा सेंट एडम्स पब्लिक स्कूल बागेश्वर से प्राप्त की। उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली चली गई। इस उपलब्धि से स्कूल का और पूरे जिले का नाम रोशन किया है।

रुद्रप्रयाग जखोली की बेटी कंचन को मिली सफलता

रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक के भरदार की बेटी कंचन डिमरीने  यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया लेवल पर 654वीं  रैंक हासिल की। कंचन डिमरी जिला मुख्यालय से सटे गांव स्वीली की रहने वाली है। स्वर्गीय घनानंद डिमरी की सुपौत्री एवं देवी प्रसाद डिमरी की पुत्री कंचन डिमरी के आईएएस में चयन होने से सम्पूर्ण परिवार में खुशी का माहौल है। कंचन के पिता देवी प्रसाद डिमरी बीते कई वर्षो से दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में सामान्य नौकरी पर है। इस बेटी ने अपनी मेहनत और स्वयं के संसाधनों से सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। कंचन ने बताया कि उन्होंने कठिन परिश्रम करते हुए सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। उन्होंने बताया कि मन में दृढ़ संकल्प था कि वह अपने लक्ष्य को पाने में जरूर कामयाब होंगी। कंचन बहुत ही सामान्य परिवार में पली बढ़ी और उन्होंने स्वयं के संसाधनों से इस सफलता को हासिल किया है। उनकी कामयाबी पर न केवल स्वीली गांव बल्कि रुद्रप्रयाग जनपद सहित प्रदेश में खुशी की लहर छा गई है।

दून निवासी मुकुल जमलोकी को मिली सफलता

परीक्षा में दून निवासी मुकुल जमलोकी ने चौथी बार सफलता पाई, उन्होंने 161वीं रैंक हासिल की है। वर्तमान में वे सीएजी कार्यालय कोलकाता में डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के पद पर कार्यरत हैं। वहीं, मूलरूप से पिथौरागढ़ व वर्तमान में दून निवासी हिमांशु सामंत ने परीक्षा में 348वीं रैंक हासिल की है। मसूरी निवासी माधव भारद्वाज ने सिविल सेवा परीक्षा में 536वीं रैंक हासिल की है।