upsee-2019

ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश राज्य प्रवेश परीक्षा (UPSEE) 2019 को लेकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विविद्यालय ने प्रक्रिया शुरु कर दी है। इस बार कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को ध्यान में रखते हुए ऑफलाइन टेस्ट कराने का फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के सरकारी एवं निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने वाली दो सौ मेधावी छात्राओं को विवि की ओर से लैपटॉप दिया जाएगा। बाहरी छात्रों के लिए भी 20 फीसदी सीटें आरक्षित की जा रही हैं। प्रवेश परीक्षा के केंद्र देश के विभिन्न हिस्सों में बनाए जाएंगे। यह जानकारी विवि के डीन एवं यूपीएसईई- 2019 के समन्वयक प्रो.विनीत कंसल ने रविवार को एनआईईटी इंस्टीट्यूट में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान दी। प्रो. कंसल ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य संयुक्त प्रवेश परीक्षा-2019 को आयोजित करने की जिम्मेदारी सरकार ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विविद्यालय को दी है। शासन के दिशा निर्देश पर प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इस समय ऑनलाइन फॉर्म भरे जा रहे हैं,जो आगामी 15 मार्च तक भरे जा सकते हैं। प्रवेश परीक्षा 21 अप्रैल को होना सुनिश्चित है। परीक्षा के परिणाम मई के अंतिम सप्ताह में आ जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस बार सरकारी एवं गैर सरकारी तकनीकी कालेजों में प्रवेश लेने वाली दो सौ मेधावी छात्राओं को विवि की ओर से लैपटॉप दिया जाएगा। इसमें सौ छात्राएं आरक्षित वर्ग से होगी। बता दें कि अभी तक सिर्फ सौ मेधावी छात्राओं को लैपटॉप दिया जा रहा था। उन्होंने बताया कि पहली बार प्रदेश के बाहर के छात्रों के लिए सभी पाठ्यक्रमों में 20 फीसदी सीटें आरक्षित की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को ध्यान में रखते हुए इस बार ऑफ लाइन टेस्ट कराने का फैसला लिया गया है। बता दें कि पहले ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीके से प्रवेश परीक्षा होती थी। वहीं विवि फाइनेंस ऑफिसर जीपी सिंह ने बताया कि रोजगार के अवसरों में बढ़ोत्तरी के लिए यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री इंटरफेस सेल की स्थापना की है। यह सेल वृहद स्तर पर काम कर रहा है। शिक्षा में गुणवत्ता के साथ ही डिजिटल लर्निग को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इस अवसर पर एनआईईटी इंस्टीट्यूट के कार्यकारी उपाध्यक्ष रमन बत्रा आदि मौजूद रहे।