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कोटद्वार: हंस कल्चर सेंटर एवं हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत्र माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी ने गढ़वाल के प्रवेशद्धार कोटद्रार में स्थित प्रसिद्ध देवस्थल सिद्धबली मंदिर में अत्याधुनिकीकृत भण्डार एवं पाकशाला का लोकार्पण किया। माताश्री मंगला जी एवं श्री भोलेजी महाराज के तत्ववाधान में कार्य कर रहे हंस कल्चर सेंटर दिल्ली से  वित्तपोषित इस भण्डारा एवं प्रसाद पाकशाला का निर्माण किया गया है।

इस अत्याधुनिकीकृत भण्डार एवं पाकशाला को मंदिर को भेंट करते हुए माताश्री मंगला जी ने देश में सुख-शांति एवं समृद्धि की प्रार्थना करते हुए कहां कि उत्तराखंड देवों की भूमि हैं,यहां कण-कण में देव बसते है। हमारे सांस्कृतिक परिवेश को विश्व में पूजा जाता है। दुनिया हमारी संस्कृति का अनुकरण करती है। इसलिए हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हमने इस देव भूमि में जन्म लिया है और हम सब का यह कर्तव्य हैं हम अपनी देव भूमि के उत्थान के लिए सेवा के मार्ग पर चलते हुए अपने देश एवं प्रदेश के विकास लिए कार्य करें।

माताश्री मंगला जी ने इस मौके पर कहा कि हंस कल्चर सेंटर एवं हंस फाउंडेशन अपने स्तर पर देश के 27 राज्यों में स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं। हमारा उद्देश्य हैं कि हम देश में स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र में नयी मिशाल कामय करें। हमारे दूर-दारज के गांवों में शिक्षा की अलख जगे और इन गांवों तक स्वास्थ्य की हर सुविधा पहुंचे। इस दिशा में हम निरंतर काम कर रहे है। हमने पिछेल दिनों सतपुली में हंस जरनल अस्पताल की स्थापना की हैं। जिसकी स्थापना से पहाड़ पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में निश्चित तौर नयी क्रांति आई हैं और असंख्य लोगों को इस अस्पताल का लाभ मिल रहा है।

हमें खुशी हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में भी हम निरंतर तरक्की के रास्ते पर चल रहे है। हमने स्कूल आवगमन के लिए पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्रों में पढ़  रहे स्कूली बच्चों को कई स्कूल बसे भेंट की ही,जिनके माध्यम से इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का शैक्षणिक प्रतिशत बढ़ रहा है। माताश्री मंगला जी ने कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहां कि हम विश्व में श्रेष्ठ धार्मिक पटल पर है। हमारी संस्कृति विश्व सांस्कृतिक मंचों पर अपना अलग स्थान रखती है। हमारे लोक परिवेश से प्रेरित होकर असंख्य लोग इसका  अनुसरण कर रहे हैं । यह हम सबके लिए सम्मान की बात है। इसलिए हमें अपनी धार्मिक,सांस्कृति एवं समाजिक प्रतिष्ठा को श्रेयकर बनाकर रखना चाहिए।

मामाश्री मंगला जी  कार्यक्रम के आयोजको एवं मौजूद अतिथियों का आभार प्रकट करती हूं कि आपने हमें भगवान सिद्धबली जी के दरबार में आने का मौक प्रदान किया। हम आप सभी के जीवन में सुख-शांति-समृद्धी के लिए भगवान सिद्धबली जी से प्रार्थना करते हैं।

इस मौके पर महंत श्री दिलीप रावत जी ने माताश्री मंगला जी एवं भोले जी महाराज का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात हैं कि हमारे राज्य में माताश्री मंगला जी एवं भोले जी महाराज जी जैसे संत मौजूद हैं। जिनके आशीर्वाद से हम भगवान सिद्धबली जी के दरबार में इस अत्याधुनिकीकृत भण्डार एवं पाकशाला का निर्माण करवा पाएं है। श्री रावत ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ माताश्री मंगला जी जिस तरह से जरूमंद और गरीबों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य कर रहे है। यह निश्चित तौर पर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जैसा है। जिसका श्रेय निश्चित तौर पर माताश्री मंगलाजी एवं श्री भोलेजी महाराज जी को जाता है।

भगवान सिद्धबली जी के दरबार में निर्मित अत्याधुनिकीकृत भण्डार एवं पाकशाला के निर्माण के लिए माताश्री मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज ने सहयोग प्रदान किया। इसके लिए भगवान सिद्धबली मंदिर परिवार माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी का आभार प्रकट करता है।  इस मौके पर कुंजबिहारी देवरानी अध्यक्ष,आर.सी.एस रावत,सचिव,रविंद्र सिंह नेगी कोषाध्यक्ष भगवान सिद्धबली मंदिर ने कार्यक्रम में मौजूद अतिथियों एवं प्रबुद्धजनों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर दूर दराज से आए भगतगण भी मौजूद थे।

इस अवसर पर माताश्री मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज जी ने स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में पौधरोपण भी किया साथ ही अभिनेत्री अरूषी पोखरियाल के नमामि गंगे परियोजना के तहत शुरू हुए स्पर्श गंगा अभियान के तहत उत्तराखंड में पौधरोपण का संकल्प भी लिया।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वरिष्ठ पत्रकार चारू चंद्र चंदोला को दी श्रद्धांजलि

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विश्व सेवा पटल पर अंसख्य जरूरतमंदों एवं गरीबों के लिए कार्य कर रहे समाज सेवी,हंस कल्चर सेंटर एवं हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत्र माता मंगला जी एवं भोलेजी महाराज ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि हमने एक बहुमूल्य रत्न खो दिया है। अटल जी लेखक, कवि,भविष्यद्रष्टा और एक दार्शनिक थे। माताश्री मंगलाजी ने वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अटल जी कहते थे ‘हम केवल अपने लिए ना जींए, औरों के लिए भी जींए, हम राष्ट्र के लिए अधिकाधिक त्याग करें। अगर भारत की दशा दयनीय है तो दुनिया में हमारा सम्मान नहीं हो सकता। किंतु यदि हम सब दृष्टियों से सुसंपन्न हैं तो दुनिया हमारा सम्मान करेगी’। इस मौके पर माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी ने उत्तराखंड के प्रखर पत्रकार और वरिष्ठ साहित्यकार चारु चंद्र चंदोला को भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। आपको बता दें कि चारू चंद्र चंदोला अब हमारे बीच नहीं रहे। शनिवार देर रात करीब 11.43 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 13 अगस्त को ब्रेन हेमरेज के बाद उन्हें दून अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। जहां वे पिछले पांच दिनों से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे।

जगमोहन आज़ाद