श्रीनगर गढ़वाल : अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस लोकभाषा एंकाश श्रीनगर गढ़वाल द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अन्तर्गत सप्ताह के अंतिम दिवस व शिक्षा विभाग द्वारा तय अंतिम शनिवार को प्रतिभा दिवस पर बाल गढकवि काव्य गोष्ठी का आयोजन राजकीय प्राथमिक विद्यालय पैडुल में आयोजित किया गया। जिसमें प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय पैडुल के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग कर आयोजन को सार्थकता प्रदान की।

सर्व प्रथम राजकीय प्राथमिक विद्यालय पैडुल की छात्रा कुमारी आकृति ने गढवाली कविता में सरस्वती वंदना  तेरा मंदिर मा दयू बलयूं मेरा बि मन उज्यालु दे सरसुति हे  भगवति बाला ज्ञान ग्वालु दे के साथ माँ सरस्वती से आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात राजकीय जूनियर हाईस्कूल पैडुल के छात्र अनुराग नेगी ने देवेन्द्र उनियाल की कविता ब्वे

कन होंदि ब्वे
नौना पर जब चोट लग्द
नौना दगड़ रोंदि ब्वे।
खैरि का दिनो मा
नौनौ सण पल्द ब्वे
घाम मा जांदी तीसी रांदि ब्वे
तीड़ी जांदि घाम न
पानी बणगे ल्वे,
नौनौ का बाना देखा
कन तपस्या करद ब्वे।।

रचना को सबके सम्मुख रखा। उसके पश्चात जूनियर हाईस्कूल पैडुल के छात्र शुभम ने  लोकभाषा के कवि संदीप रावत  दीप की कविता कबि हौदन फेल, कबि हौदन पास, कबि दिल खुश, कबि हौद उदास का पाठ किया।

जतिन नेगी प्राथमिक विद्यालय ने बाछि  हमारा चारा गौडि बियाइ, प्यारी प्यारी बाछि हाइ, गौडि खुणै कि मांडि बणाइ बाछि टुरपुर हयरणी राई हंसुली पाठ्य पुस्तक कक्षा 2 का वाचन किया।

छात्र  कृष जूनियर हाईस्कूल पैडुल ने पलायन पर नामचीन गढकवि जगदम्बा चमोला की रचना, सुख्यां मुंगयौट  जु छा यख सब उन्द  जयां यख सूख्यां मुंगयौट रंया  छिन, यूं मा भी कुछ उन्द चल्या, कुछ अब जाणौ तैयार होयां छिन का शानदार वाचन किया।

जूनियर हाईस्कूल पैडुल के छात्र भुवनेश जोशी ने गढकवि गिरीश सुन्द्रियाल की रचना बच्चा सबि ब्वदीन बच्चा छवा, अबि अकला कच्चा छवा, बच्चा कच्चा जन बि छंवा पर मन का सच्चा छंवा की रचना को सुनाया।

सागर राजकीय प्राथमिक विद्यालय पैडुल ने स्यालौ ब्यो कखिम बरखा कखिम घाम, स्यालरी ब्यो कि धूमधाम ने हंसुली गढवाली पाठ्य पुस्तक कक्षा 2 हंसुलि की कविता का वाचन किया।

तथा प्राथमिक पैडुल से कुमारी दिव्याशी ने मुबैल मांजी मी दे दे मोबाइल, मी भि खेललू वेमा  खेल गढवाली पाठ्य पुस्तक कक्षा 3  छुबकि की रचना पढी।

जूनियर हाईस्कूल पैडुल के पुनित ने लोकभाषाकबि धर्मेन्द्र नेगी की रचना तसेरो का तासो, जन फटेणी य जिंदगी, कुजणि धौ कतगौ मा बटेणी य जिंदगी।

प्राथमिक विद्यालय पैडुल की कुमारी अंशिका ने गाजा बाजा दमौ बाजे तुणमुण तुणमुण, ढोल बाजे ढम्म, थकुली बाजे छूणमुण, छुणमुण, हुडकि बाजे घम्म धगुलि गढवाली पाठ्य पुस्तक कक्षा 1 का वाचन किया।

जूनियर हाईस्कूल के संचित कुमार कलश संस्था के संस्थापक ओमप्रकाश सेमवाल की रचना माछा पकड़ माछा पकड़ डौका,_ ये डांडा रिक्ख लग्यूं वै डांडा बाघ अर, तेरा गौ गौण्यू कि डौर मेरा गौ बादर को सुनाया।

इस आयोजन का उद्देश्य अपणि भाषा वास्ता एक छोटू सी प्रयास छौ विशेषता ये रही कि इससे बच्चों ने पूर्व जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्यार्ल व लोकभाषा के ध्वजवाहक गणेश खुगशाल गणी के मार्गदर्शन व निर्देशन में प्राथमिक स्तर की गढवालि पाठ्य पुस्तकों में उल्लेखित रचनाओं के  साथ साथ नामचीन गढकवियो की कविताओं का पाठ किया। आयोजन संयोजक व धाद एंकाश संस्था के उपाध्यक्ष महेश गिरि ने बताया कि इसका उद्देश्य बच्चों में लोकभाषा के प्रति अनुराग पैदा करने के साथ साथ लोकभाषा को समृद्ध व वैभवशाली बनाने के लिए नयी पौध को तैयार करना रहा। इसके साथ ही धाद संस्था का अंतर्राष्ट्रीय  मातृभाषा  पर साप्ताहिक आयोजन सम्पन्न हुआ।

धाद लोकभाषा एंकाश श्रीनगर की ओर से गढवाली कुमाऊँनी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के साथ ही गढ _ कुमाऊँ भाषा शोध संस्थान गठित करने की मांग सरकार से की।

आयोजन में अजीम प्रेम जी फाउंडेशन पौड़ी के गणेश बलुनी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय पैडुल की प्रधानाध्यापिका मीना मंमगाई, जूनियर हाईस्कूल पैडुल की प्रधानाध्यापिका शांति नेगी, पुष्पा असवाल, देवेंद्र सिंह सहयोग रहा।