हमें अपने जीवन में समय का सदुपयोग करते हुए सदा आगे बढ़ना चाहिए, जब हम इस तरह की सोच को अपनाते हैं, तो निश्चित ही कहीं न कहीं हमारे कार्यों का मूल्यांकन होता रहता है।अच्छे कार्य समय आने पर सुखद अनुभूति का अहसास कराते हैं, इसी तरह का उदाहरण हिन्दी अध्यापक अखिलेश चन्द्र चमोला के विषय में दिया जा सकता है। अखिलेश चन्द्र चमोला ने उच्च शिक्षा गढ़वाल विश्वविद्यालय.श्रीनगर गढ़वाल से कला निष्णात दर्शन शास्त्र से उत्तीर्ण की, दर्शन शास्त्र जैसे गूढ विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर विश्वविद्यालय द्वारा इन्हें स्वर्ण पदक से सम्मानित किया.

शिक्षा बिभाग में हिन्दी अध्यापक के पद पर नियुक्त हुए,  जिसके फलस्वरूप छात्रों के स्वार्गींण विकास के लिए इनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियों की शिक्षा बिभाग द्वारा सराहना की जाने लगी,जिसके आधार पर इन्हें मुख्य मन्त्री सम्मान, राज्यपाल पुरस्कार सम्मान से सम्मानित किया गया, बच्चों में देश के सच्चे सपूत, महापुरुषों के गुण निरूपित हों, इस लक्ष्य को मध्य नजर रखते हुए इनके द्वारा प्रेरणा दायिनी साहित्य पर ब्यापक रुप से सृजन किया गया,जिसके आधार पर राष्ट्रीय क्षितिज पर इन्हें स्थान मिला,100 से भी अधिक राष्ट्रीय सम्मानोपाधियों से सम्मानित हो चुके हैं।

भावी पीढ़ी नशे से दूर रहे,हमारा संकल्प नशा मुक्त खुशहाल उत्तराखण्ड रहे,इस मुहिम में भी ये सबसे आगे हैं।इनकी इस उपलब्धि पर शिक्षा बिभाग जनपद पौड़ी गढ़वाल द्वारा इन्हें नशा उन्मूलन प्रभारी का दायित्व दिया गया।बच्चों को प्रेरणा दायिनी पुस्तकों में इनके द्वारा नैतिक बोध कधायें, शैक्षिक नवाचार एवम क्रियात्मक शोध, भारतीय संस्कृति तथा नैतिक ऊर्जा के आयाम, महापुरुषों के अनमोल बिचार आदि मुख्य हैं।इनके इस तरह के अद्भुत कार्यो का मूल्यांकन करते हुए बरिष्ठ साहित्य कार श्रीमती सुमंगला सुमन ने हरियाणा से प्रकाशित पुस्तक 21 वीं सदी के आधुनिक साहित्य रत्न  नामक ग्रन्थ में निशुल्क उत्तराखंड से अखिलेश चन्द्र चमोला को भी महत्व पूर्ण स्थान दिया गया, जिसमें देश के जाने माने साहित्य कारों ब्यक्तित्व ओर कृतित्व को उजागर किया गया है, इस तरह के ग्रन्थ में सुमार होना निश्चित रूप से उत्तराखण्ड के गौरव में बृद्वि को दर्शाता है।