Constitution Day of india

श्रीनगर गढवाल : बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद श्रीनगर गढवाल द्वारा गुरुद्वारा के निकट मिश्रा भवन के सभागार में संविधान दिवस के अवसर पर कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें राजकीय इन्टर कालेज नवाखाल में कार्यरत प्रधानाचार्य महेंद्र सिंह नेगी मुख्य अतिथि के रूप मे रहे। बतौर मुख्य अतिथि महेंद्र सिंह नेगी ने संविधान के निर्माता डॉ. भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पान्जलि अर्पित कर बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि नियम व कानून को ही हम संविधान का नाम देते हैं। संविधान के अभाव में कोई भी देश उन्नति नहीं कर सकता है। ऐसी स्थिति में शान्ति की कल्पना नही की जा सकती है। हमारे संविधान का निर्माण होने में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन लगे थे।

अपने मूल रूप में भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद 22 खन्ड और 8 अनुसूचियां हैं। हमारे संविधान में, 45 हजार शब्द हैं। भारत सरकार द्वारा 2015 में 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाए जाने का फैसला लिया गया। इस वर्ष संविधान दिवस मनाए जाने की सार्थकता इस रुप में भी है कि पूरे राष्ट्र में संविधान निर्माता अम्बेडकर की 125वीं जयन्ती मनाई जा रही है। संविधान दिवस मनाए जाने की सार्थकता यह भी है कि सर्वप्रथम संविधान निर्माताओं ने जिस उद्देश्य से इसकी स्थापना की हमें उसका पालन करना चाहिए।

आज हम अपने अधिकारो की लड़ाई तो लड़ते हैं, लेकिन कर्तव्य का पालन नही करते। बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद के निदेशक अखिलेश चन्द्र चमोला ने कहा कि संविधान द्वारा ही किसी देश के स्वरूप को निश्चित किया जा सकता है। संविधान ही सरकार के विभिन्न अंगों पर नियंत्रण स्थापित करता है। उन्हें तानाशाह होने से बचाता है। संविधान ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की रक्षा करता है।

संविधान ध्रुव तारे के समान है, जो शासक का मार्ग दर्शन करता है। इस अवसर पर हम सबको अपने संविधान के अनुरूप चलने का संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर वृक्ष सेवी अभियान के संयोजक प्रदीप रावत, श्वेता बिष्ट रौतेला, गब्बर सिंह भण्डारी, अनुपमा बलूनी, हरेन्द्र कुमार, अकादमिक परिषद के अध्यक्ष राकेश मोहन कन्डारी आदि ने प्रमुख रूप से अपने बिचार रखे।