ग्रेटर नोएडा: इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट ग्रेटर नोएडा में आयोजित कार्यक्रम में हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने निर्यात में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 136 निर्यातकों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का आयोजन इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में किया गया। मुख्य अतिथि केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी रही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निर्यात पुरस्कार बेहतर से और बेहतर करने की और आगामी वर्षो में वृद्धि हासिल करने के लिए कठिन प्रयास करने की और दूसरों को अगले वर्ष यह पुरस्कार जीतने के लिए कोशिश करने की प्रेरणा देते हैं। निर्यात प्रतिस्पर्धा देश के लिए विदेशी मुद्रा का आय बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करती है। निर्यात बढ़ने से लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों की ब्रांड इमेज बनती है। कारीगर ओर शिल्पकार हस्तशिल्प क्षेत्र के आधार हैं और देश के विभिन्न शिल्प समूहों में काम में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है। साल 1986-87 में निर्यात 387 करोड़ रूपये का था, जो 2017-18 में 23029.36 करोड़ रूपये पर जा पहुंचा है। वहीं केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टमटा ने कहा कि कपड़ा मंत्रालय पूरी दृढ़ता के साथ हस्तशिल्प क्षेत्र के पीछे है और नीतिगत पहल और दिए जा रहे प्रोत्साहनों के संदर्भ में अपना समर्थन प्रदान करता है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि हस्तशिल्प निर्यातकों, हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद के प्रयासों और मंत्रालय से मिल रहे समर्थन से आने वाले समय में इस क्षेत्र में काफी अच्छी वृद्धि देखने को मिलेगी।
वहीं ईपीसीएच के अध्यक्ष ओपी प्रह्लादका ने कहा कि नये और उभरते बाजारों को तलाश करने की दिशा में परिषद ने हाल ही में नाइजीरिया और लागोस के पश्चिमी अफ्रीकी बाजारों में एक शो में भाग लिया। लागोस के विभिन्न उद्योग संघों व चैम्बर्स में प्रेजेंटेशन दे रहे हैं, ताकि नाइजीरिया के खरीद समुदाय को होम, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्नीचर और टेक्सटाइल के भारतीय उत्पादों में से अपनी
जरूरतों को स्रेत करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक राकेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2015-16 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 21,557.12 करोड़ रूपये था, जो 2016-17 में 24,392.39 करोड़ रूपये हो गया। इसमें रूपये के संदर्भ में 13.15 प्रतिशत की और डालर के संदर्भ में 10.52 प्रतिशत की कुल वृद्धि हुई। चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के अप्रैल-नवम्बर के दौरान ही हस्तशिल्प का निर्यात 16,825.75 करोड़ रूपये तक चला गया है।