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ग्रेटर नोएडा: हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी उत्तराखंड सांस्कृतिक समिति, आगामी शनिवार, 03  नवम्बर 2018  को बीटा-2, क्लब ग्राउंड, ग्रेटर नोएडा, में आठवां भव्य उत्तराखंडी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। कार्यक्रम का शुभारम्भ शाम 5:30 बजे द्वीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना से होगा। कार्यक्रम में शारदा यूनिवर्सिटी के चांसलर पी.के. गुप्ता को मुख्यअतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।

इसके साथ ही संस्था की वार्षिक पुस्तिका देवभूमि स्मारिकाभाग 7” का भी विमोचन किया जायेगा। इस दौरान ग्रेटर नॉएडा में विभिन्न स्कूलों में पढ़ रहे उत्तराखंड के मेधावी छात्र-छात्राओं “सुमित्रानंदन पंत” पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। इसके अलावा संस्था हंमेशा की तरह ग्रेटर नोएडा शहर के समाज सेवी संस्थाओं/व्यक्तियों को भी इस मंच पर सम्मानित करेगी।

इसके बाद “देवभूमि कला मंच” के कलाकारों, स्वर कोकिला संगीता ढौंडियाल, “उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ” युवा पुरस्कार प्राप्त गायिका आशा नेगी, हास्य कलाकार पन्नू गुसाईं, युवा गायक रणजीत रावत, दीनदयाल (छैला बाबू), कविता रावत, कुंदन राणा, कमल रावत आदि उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध कलाकारों द्वारा नॉनस्टॉप रंगारंग कार्यकम प्रस्तुत किया जायेगा। इसके अलावा उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध गायक अनिल धस्माना भी गेस्ट कलाकार के रूप अपने मधुर एवं चुलबुले गीतों से उपस्थित दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। कार्यक्रम  रात करीब 10.30 बजे तक चलेगा। कार्यक्रम के दौरान कलाकारों द्वारा पारम्परिक वेशभूषा में देवभूमि उत्तराखण्ड की सुप्रसिद्ध नन्दा देवी राजजात की झांकी भी प्रस्तुत की जाएगी।

इस वर्ष समिति ने बेटी बचाओ-बेटी पढाओ एवं महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड की दो स्वर कोकिलाओं संगीता ढौंडियाल और आशा नेगी को इस कार्यक्रम में लीड परफ़ॉर्मर के तौर पर आमंत्रित करने का निर्णय लिया है। वैसे अमूमन देखा गया है कि उत्तराखण्ड के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पुरुष कलाकारों को ही प्राथमिकता दी जाती रही है। इस लिहाज से उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समिति का यह निर्णय प्रशंसनीय है। आप सभी लोग इस भव्य कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं।

उत्तराखंड सांस्कृतिक समिति, ग्रेटर नोएडा का इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन को करवाने का मुख्य उद्देश्य वर्तमान में उत्तराखंड के ग्रेटर नोएडा में रह रहे 2000 से अधिक परिवारों व उनके बच्चों को अपनी संस्कृति से रूबरू कराना हैं।uttarakhand-cultural-progra