प्रॉपर्टी

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी गाँव में दो बहुमंजिला इमारतें गिरने हुए हादसे से सभी को सचेत होने की जरुरत है। क्योंकि अक्सर लोग सस्ते फ्लैट के लालच में प्रॉपर्टी डीलरों के झांसे के आकर अवैध रूप से खड़ी इस तरह की इमारतों में बने फ्लैटस खरीद लेते हैं। मजेदार बात यह है कि बिल्डर व प्रॉपर्टी डीलर की सेटिंग से इस तरह की अवैध प्रोपर्टी की रजिस्ट्री के साथ-साथ इन पर होम लोन भी आसानी से मिल जाता है।

आजकल हर किसी का सपना होता है कि उसका भी शहर में अपना एक घर हो। ऐसे में यदि आप भी प्रॉपर्टी की तलाश कर रहे हैं तो सावधान हो जाईये और बिल्डर या प्रॉपर्टी डीलर के बहकावे ने आये बिना किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले अच्छी तरह से जांच परख कीजिये। प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री या होम लोन हो जाने मात्र से प्रॉपर्टी को वैध मान लेना बड़ी गलती हो सकती है। क्योंकि आजकल बिल्डर सेटिंग करके किसी भी प्रॉपर्टी पर होम लोन भी दिला देता है और आसानी से उस प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री भी करवा देता है। शाहबेरी में गिरी दो बहुमंजिला इमारतों में फ्लैट खरीदने वालों का भी होम लोन हो गया था, जबकि ये इमारतें अवैध रूप से बनाई गई थी। और इनका नक्शा भी पास नहीं कराया गया था।

शाहबेरी क्षेत्र में अवैध तरीके से बहुमंजिला इमारतों का निर्माण करा रहे बिल्डर फ्लैटों की बिक्री के लिए होम लोन भी दिलाते हैं। इसके लिए बिल्डरों ने एनबीएफसी (नॉन बैंकिंग फाइनैंस कम्पनी) से सेटिंग कर रखी है। यही नहीं आसानी से इस फ्लाटों की रजिस्ट्री भी हो जाती है। ऐसे में कोई भी खरीदार इस क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्य के वैध होने को लेकर आसानी से भरोसा कर लेता है। शाहबेरी में मौत की इमारत में दफन हुए शिव त्रिवेदी के परिवार ने भी जीआईसी फाइनैंस से होम लोन लिया था। शिव त्रिवेदी तीन माह पहले ही फ्लैट खरीदने के लिए शाहबेरी आए थे, तब बिल्डर ने आसानी से होम लोन दिलाने की बात कही थी। शिव के परिजनों ने बताया कि बिल्डर ने खुद ही बताया था कि कई फाइनैंसर शाहबेरी में फ्लैट को लोन देते हैं।

बिल्डर ने जीआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से 80 फीसदी होम लोन महज दो हफ्ते में दिला दिया और रजिस्ट्री होने के बाद फाइनेंस कम्पनी ने असली कागजात अपने पास रख लिए थे। बताया जाता है कि कम्पनी उसी बिल्डर के फ्लैट के लिए होम लोन देती है जिसका अनुबंध होता है। अगर बिल्डर से अनुबंध है तो किसी भी क्षेत्र में लोन दे सकते हैं। चाहे प्रॉपर्टी वैध हो या फिर अवैध। अतः घर खरीदने से पहले उस प्रॉपर्टी की पूरी तरह से जांच पड़ताल करना आवश्यक है।